Egg Seller son becomes Judge: बिहार के एक अंडे वाले के बेटे ने बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा पास कर 132वीं रैंक हासिल की और जज बने. अंडे बेचने वाले पिता के बेटे आदर्श ने बिना किसी महंगे कोचिंग संस्थान की मदद के यूट्यूब से पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया.
औरंगाबाद जिले के शिवगंज निवासी आदर्श की सफलता की कहानी केवल उनकी नहीं, बल्कि उनके माता-पिता और पूरे परिवार की त्याग और संघर्ष की गाथा है.
आदर्श कुमार के पिता विजय साव शिवगंज बाजार में ठेले पर अंडे बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते थे. 20 वर्षों से यह काम करते हुए विजय ने सुनिश्चित किया कि उनके बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए.
आदर्श की मां सुनयना देवी ने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए स्वयं सहायता समूह से लोन लिया. उन्होंने आर्थिक तंगी के बावजूद परिवार के संघर्ष को बच्चों से छिपाया ताकि वे बिना किसी दबाव के पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें.
महंगे कोचिंग संस्थानों में जाने की क्षमता न होने पर आदर्श ने यूट्यूब के जरिए घर पर ही पढ़ाई शुरू की. 2023 में बीपीएससी की 32वीं न्यायिक सेवा परीक्षा दी और पहली ही कोशिश में सफलता हासिल कर ली.
आदर्श के छोटे भाई ने ट्यूशन पढ़ाकर उनकी पढ़ाई की फीस भरी. पूरे परिवार के त्याग ने आदर्श को प्रेरित किया. उन्होंने पटना के चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से बीए एलएलबी की पढ़ाई पूरी की.
आदर्श ने बताया कि वे रोजाना 20 घंटे पढ़ाई करते थे. घर की आर्थिक स्थिति देखकर उन्हें हमेशा इसे सुधारने की प्रेरणा मिलती थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर सही सामग्री का उपयोग करते हुए पढ़ाई को प्राथमिकता दी. First Updated : Tuesday, 03 December 2024