एक मिनट की जल्दी पर नौकरी से निकाल, कोर्ट ने दिया महिला को इंसाफ
चीन के ग्वांगझोउ शहर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला कर्मचारी को ऑफिस समय समाप्त होने से सिर्फ एक मिनट पहले बाहर निकलने पर नौकरी से निकाल दिया गया. कंपनी ने सीसीटीवी फुटेज की जांच में पाया कि कर्मचारी वांग ने एक महीने में छह बार तय समय से पहले ऑफिस छोड़ा था. इसी आधार पर उसे बिना किसी चेतावनी के नौकरी से हटा दिया गया, जिससे यह मामला चर्चा में आ गया और न्यायालय तक पहुंच गया.

ट्रैडिंग न्यूज. चीन के ग्वांगझोउ शहर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला कर्मचारी को ऑफिस से एक मिनट पहले नौकरी से निकाल दिया गया. मामला तब सामने आया जब कंपनी द्वारा सीसीटीवी फुटेज की जांच में पाया गया कि महिला कर्मचारी वांग एक महीने में छह बार ऑफिस का समय खत्म होने से पहले काम छोड़कर चली गई थी. वांग पिछले तीन सालों से इस कंपनी में काम कर रहे थे और उनका प्रदर्शन दूसरे कर्मचारियों से बेहतर था. इसके बावजूद कंपनी ने उन्हें बिना किसी चेतावनी के नौकरी से निकाल दिया. इस फैसले के विरोध में वांग ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
तीन साल की सेवा को नजरअंदाज करना तर्कसंगत नहीं
अदालत ने पाया कि कंपनी ने उसे नौकरी से निकालने से पहले चेतावनी जारी न करके उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया. यह निर्णय रोजगार विवादों में निष्पक्ष श्रम प्रथाओं और उचित प्रक्रिया के महत्व को उजागर करता है. न्यायाधीश ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कंपनी किसी कर्मचारी के व्यवहार से असंतुष्ट है, तो उसे पहले चेतावनी दी जानी चाहिए. बिना किसी नोटिस या चेतावनी के सीधे नौकरी से निकालना कानूनी रूप से गलत है. अदालत ने यह भी कहा कि वांग की कार्य निष्ठा और तीन साल की सेवा को नजरअंदाज करना तर्कसंगत नहीं है.
चीन में कार्यस्थलों पर सख्ती बढ़ रही है
यह मामला चीन में कार्यस्थलों पर सख्ती के बढ़ते मामलों में एक और उदाहरण है. इससे पहले नवंबर 2024 में एक कर्मचारी को काम के दौरान झपकी आने पर नौकरी से निकाल दिया गया था. उस मामले में भी कोर्ट ने कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाया था और उसे मुआवजा दिलाया था. इन मामलों से साफ है कि न्याय व्यवस्था कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभा रही है. किसी भी संगठन को अपने नियमों में लचीलापन लाना चाहिए और अनुशासनात्मक कार्रवाई से पहले बातचीत और चेतावनी का रास्ता अपनाना चाहिए. वांग के पक्ष में अदालत के इस फैसले से न सिर्फ उन्हें न्याय मिला, बल्कि यह संदेश भी मिला कि कार्यस्थल पर अनुशासन जरूरी है, लेकिन उससे पहले मानवता और न्याय को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.