फेलिक्स बॉमगार्टनर की अंतरिक्ष से धरती पर छलांग मानव इतिहास का एक ऐसा पन्ना है, जो साहस, दृढ़ निश्चय और तकनीकी कौशल का बेमिसाल उदाहरण है. उनका यह कारनामा हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करना चाहता है. स्काईडाइविंग के हैरतअंगेज कारनामों के बारे में आपने जरूर सुना होगा, लेकिन जब कोई व्यक्ति अंतरिक्ष से धरती पर छलांग लगाता है, तो यह घटना हर किसी को चौंका देती है.ऑस्ट्रिया के फेलिक्स बॉमगार्टनर ने ऐसा ही साहसिक कारनामा कर दिखाया, जो आज भी दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है.
फेलिक्स बॉमगार्टनर ने 15 अक्टूबर 2012 को इतिहास रचते हुए 1,28,100 फीट (39 किलोमीटर) की ऊंचाई से धरती पर छलांग लगाई. यह छलांग उन्होंने अंतरिक्ष की सीमा से लगाई, जहां गुरुत्वाकर्षण बेहद कम होता है. फेलिक्स को यह उपलब्धि हासिल करने में 4 मिनट 20 सेकंड का समय लगा. इस दौरान उन्होंने ध्वनि की गति (सुपरसोनिक स्पीड) को पार करते हुए पृथ्वी की ओर रुख किया.
फेलिक्स ने इस खतरनाक स्टंट को अंजाम देने के लिए विशेष तैयारी की थी. उन्होंने एक खास तरह का प्रेशर सूट पहना था, जो अत्यधिक ऊंचाई और ठंड से सुरक्षा प्रदान करता है. पूरी छलांग को मॉनिटर करने के लिए एक विशेषज्ञ टीम तैनात थी, जो हर पल उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए थी.
फ्री फॉल के दौरान फेलिक्स को नीचे गिरते देख हर किसी की धड़कनें तेज हो गईं. जमीन से देख रहे लोग इस बात को लेकर आशंकित थे कि क्या वह सुरक्षित लैंड कर पाएंगे. हालांकि, जब उन्होंने सही-सलामत लैंडिंग की, तो सभी ने राहत की सांस ली.
फेलिक्स की यह छलांग सिर्फ एक स्टंट नहीं थी, बल्कि यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि बन गई. यह जंप रेड बुल स्ट्रैटोस मिशन का हिस्सा थी, जिसे यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीम किया गया. इस वीडियो को करोड़ों बार देखा गया और यह विश्व रिकॉर्ड के रूप में दर्ज हो गया.
फेलिक्स का यह साहसिक कदम सिर्फ एडवेंचर नहीं था, बल्कि विज्ञान और मानव क्षमताओं की सीमाओं को चुनौती देने की प्रेरणा भी है. उनकी यह छलांग दिखाती है कि अगर इंसान कुछ करने की ठान ले, तो कोई भी सीमा उसे रोक नहीं सकती.
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