ये कैसी अदालत! कटघरे में खड़े किए जाते हैं देवी-देवता, दोषी करार होने पर मिलती है सजा

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक ऐसी अनोखी अदालत लगती हैं,जहां देवी-देवताओं को कटघरे में खड़ किया जाता हैं. इसके साथ ही अपराध सिद्ध होने पर उन्हें सजा भी दी जाती है.

Simran Sachdeva
Simran Sachdeva

Court Trail news: अदालत, जहां पर लोग न्याय की गुहार लगाते हैं. ठीक ऐसे ही एक अदालत छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में भादो महीने में भी लगती हैं. लेकिन अंतर सिर्फ ये हैं कि यहां लोगों के खिलाफ नहीं बल्कि देवी-देवताओं को कटघरे में खड़ा किया जाता है. शिकायत भी सुनी जाती है और देवी-देवताओं के खिलाफ ट्रायल भी चलता है. यहां तक कि दोषी पाए जाने पर बाकायदा सजा भी सुनाई जाती है. 

भंगाराम देवी मंदिर में अनोखी अदालत

इस अनोखी अदालत में ग्रामवासी, जो मन्नतें उनकी पूरी नहीं होती उनपर देवी-देवताओं को आरोपी बनाकर पेश करते हैं. आदिवासी बहुल बस्तर जिले में स्थित भंगाराम देवी मंदिर में हर साल भादों के महीने में देवी-देवताओं के खिलाफ सुनवाई के लिए अदालत लगती है. जहां ग्राम वासी अपनी मनोकामना पूरी ना होने पर आरोपी देवी-देवताओं के खिलाफ पैरवी करते हैं. 

सुनवाई के बाद अदालत का फैसला

देवी-देवताओं के खिलाफ शिकायतों को लेकर लगने वाली अदालत से पहले जात्रा आयोजित की जाती है. इलाके के कुल नौ परगना के 55 राजस्व ग्रामों में स्थापित सैकड़ों देवी-देवताओं की आराध्या देवी भंगाराम देवी इस अदालत की सुनवाई के साथ फैसले सुनाती हैं. 

अपराध के बाद सजा की घोषणा

 रिपोर्ट के अनुसार, लोग यहां फरियादी बनकर पहुंचते हैं और जिस भी देवी-देवता के खिलाफ वो शिकायत करना चाह रहे हैं, उसकी फ़रियाद भंगाराम देवी से की जाती है. आरोपी देवी-देवताओं का अपराध सिद्धि होने पर फैसला भी सुनाया जाता है. अदालत का फैसला अपराध पर निर्भर होता है. इसमें जो सजा दी जाती है, वो 6 महीने के मंदिर से निष्कासन से लेकर अनिश्चितकालीन निष्कासन तक हो सकती है.

यहां पर ग्रामवासी जिन फरियादों को लेकर पहुंचते हैं, उनमें फसल ख़राब हो, पशुओं की बीमारी और महामारी जैसी बीमारी के लिए देवी-देवता की शिकायत की जाती हैं. यानी ज्यादातर लोग यहां फरियादी मन्नतें पूरी नहीं करने की शिकायत लेकर पहुंचते हैं. 

calender
21 November 2024, 01:38 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो