गजब! अंडे और जूस बेचने वालों के घर पहुंचा GST का नोटिस, एक पर 6 तो दूसरे पर 7 करोड़ बकाया
Vendor gets GST Notice worth crores: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में छोटे व्यापारियों को लेकर चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. यहां अंडे और जूस बेचने वालों को करोड़ों रुपये के जीएसटी बकाया का नोटिस मिला है. ये मामूली व्यापारी इस भारी-भरकम रकम से अनजान हैं. दोनों पीड़ितों ने जांच की मांग की है.

Vendor gets GST Notice worth crores: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से दो चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं, जहां एक अंडे बेचने वाले और एक जूस विक्रेता को आयकर विभाग से करोड़ों रुपये के जीएसटी बकाया का नोटिस मिला है. इन दोनों लोगों को इस भारी-भरकम बकाया की कोई जानकारी नहीं थी, जिससे उनके परिवार में हड़कंप मच गया.
मध्य प्रदेश के दामोह जिले के प्रिंस सुमन और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जूस बेचने वाले मोहम्मद रहीस के नाम पर बड़ी रकम का लेनदेन दिखाया गया है. दोनों ही मामूली व्यापारी हैं, जिनके लिए इतनी बड़ी राशि चुकाना असंभव है. यह मामला दस्तावेजों के दुरुपयोग और संभावित धोखाधड़ी की ओर इशारा कर रहा है.
अंडा विक्रेता पर 6 करोड़ का बकाया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दामोह के प्रिंस सुमन को आयकर विभाग ने 50 करोड़ रुपये के कारोबार से जुड़ा नोटिस भेजा है. इसमें कहा गया है कि उनके ऊपर 6 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया है. विभाग ने उनसे इस लेनदेन के दस्तावेज भी मांगे हैं.
दिल्ली में एक कंपनी रजिस्टर्ड
प्रिंस के नाम से दिल्ली में 'प्रिंस एंटरप्राइजेज' नाम की एक कंपनी रजिस्टर्ड है, जो लकड़ी, लोहे और चमड़े का व्यापार करती है. यह कंपनी 2022 में दिल्ली के स्टेट जोन-3 में रजिस्टर्ड हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में इस कंपनी के जरिए बड़े पैमाने पर लेनदेन किया गया है.
हालांकि, प्रिंस और उनका परिवार इस दावे को पूरी तरह गलत बता रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं तो ठेले पर अंडे बेचता हूं, कभी दिल्ली गया ही नहीं, तो वहां कंपनी कैसे चला सकता हूं?" परिवार का कहना है कि यदि उनके पास इतनी संपत्ति होती, तो उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता.
जूस विक्रेता को 7.79 करोड़ का नोटिस
अलीगढ़ में जूस बेचने वाले मोहम्मद रहीस को भी इसी तरह का जीएसटी नोटिस मिला है, जिसमें उन पर 7.79 करोड़ रुपये का बकाया दिखाया गया है. रहीस और उनका परिवार इस नोटिस से सदमे में हैं. उन्होंने कहा, "हमने कभी इतने पैसे देखे तक नहीं, फिर यह बकाया कैसे हो सकता है?" जब उन्होंने आयकर विभाग से संपर्क किया, तो अधिकारियों ने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने अपने दस्तावेज किसी को दिए थे. रहीस ने साफ इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया.
रहीस के परिवार का कहना है कि वे रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करते हैं. ऐसे में करोड़ों का टैक्स बकाया दिखाया जाना पूरी तरह गलत है. रहीस ने सरकार से अपील की है कि उन्हें इस झूठे मामले में न फंसाया जाए.
दस्तावेजों के दुरुपयोग की आशंका
दोनों ही मामलों में दस्तावेजों के दुरुपयोग और धोखाधड़ी की आशंका जताई जा रही है. प्रिंस और रहीस ने पुलिस और आयकर विभाग से जांच की मांग की है. यह मामला उन छोटे व्यापारियों के लिए एक चेतावनी है, जो अपनी व्यक्तिगत जानकारी और दस्तावेजों की सुरक्षा को लेकर सतर्क नहीं रहते.