'कबाड़ में मिलीं पुराने 500 के नोटों की गड्डियां...', लोगों को याद आए नोटबंदी के दिन, अब उठ रहे सवाल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दो बच्चे पुराने 500 के नोटों के ढेर के पास बैठे हैं. ये नोट तो डिमोनिटाइजेशन के बाद बंद हो चुके थे, फिर ये बंडल कचरा बीनने वालों तक कैसे पहुंच गए? क्या यह किसी गड़बड़ी का हिस्सा है, या फिर कुछ और ही मामला है? इस वीडियो ने पुराने नोटों के बारे में कई सवाल खड़े कर दिए हैं. अगर आप भी जानना चाहते हैं कि क्या असल में कुछ गड़बड़ है, तो पूरी खबर जरूर पढ़ें!
Viral Video: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दो छोटे बच्चे पुराने 500 रुपए के नोटों के बंडल के पास बैठे हुए नजर आ रहे हैं. ये नोट अब विमुद्रीकरण के बाद बंद हो चुके हैं और उन्हें पूरी तरह से जमा या बदला जा चुका था, फिर भी ये बंडल कचरा बीनने वालों के पास कैसे पहुंचे? यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है, और सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर लोग तरह-तरह के अनुमान और तर्क लगा रहे हैं.
पुराने नोटों का कचरा बीनने वालों तक पहुंचना
इस वीडियो में दो बच्चे एक खुले स्थान पर पुराने 500 रुपए के नोटों के ढेर के पास बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं. यह स्थिति पूरी तरह से उलझन में डालने वाली है क्योंकि 2016 में हुई डिमोनिटाइजेशन की प्रक्रिया में सरकार ने 500 और 1000 के पुराने नोटों को पूरी तरह से अमान्य कर दिया था. साथ ही, बैंकों में इन नोटों को जमा या बदलने की तारीख भी खत्म हो चुकी थी. इस सब के बाद ये पुराने नोट किस तरह से इन बच्चों के पास पहुंचे? क्या यह किसी तरह की सरकारी गड़बड़ी है, या फिर इन नोटों का गुपचुप तरीके से चलन जारी था?
If almost 100% of demonetised notes got deposited/exchanged then how come these bundles of old ₹500 notes are ending up with rag pickers pic.twitter.com/bfXVIloTDe
— Rishi Bagree (@rishibagree) December 29, 2024
If almost 100% of demonetised notes got deposited/exchanged then how come these bundles of old ₹500 notes are ending up with rag pickers pic.twitter.com/bfXVIloTDe
— Rishi Bagree (@rishibagree) December 29, 2024
विमुद्रीकरण के बाद की स्थिति
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवम्बर 2016 को विमुद्रीकरण की घोषणा की थी, तब पुराने 500 और 1000 के नोटों को अमान्य कर दिया गया था. इस कदम का उद्देश्य काले धन और जाली नोटों पर काबू पाना था. इसके बाद बैंकों में पुराने नोट जमा करने और बदलवाने का एक तय समय सीमा दी गई थी, और इसके बाद इन नोटों को वैधता प्राप्त नहीं थी. सरकार के अनुसार, लगभग 99% विमुद्रीकृत नोट बैंकों में जमा हो गए थे, यानी पुराने नोटों का चलन पूरी तरह से समाप्त हो गया था.
क्या यह कोई गहरी साजिश है?
यह वीडियो सोशल मीडिया पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है. कई लोग इस घटना को लेकर यह सोच रहे हैं कि कहीं यह विमुद्रीकरण की प्रक्रिया में कोई चूक तो नहीं हुई, या फिर यह पुराने नोटों का अवैध रूप से चलन में रहना तो नहीं? कुछ लोग यह भी मान रहे हैं कि यह बंडल असल में पुराने नोट नहीं, बल्कि उन जैसे ही दिखने वाले नकली नोट हो सकते हैं. हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.