Ajab-Gazab: हंसते-हंसते हुई सैकड़ों लोगों की मौत! अजीब बीमारी से ग्रस्त हुई एक जनजाति
Ajab-Gazab: आज तक सिर्फ हंसते-हंसते चले जाने की कहावत सुनी होगी, लेकिन एक ऐसा मामले सामने आया है जिसमें हंसते-हंसते सैकड़ों लोगों की मौत हो गई.
हाइलाइट
- श्रद्धांजलि देने के लिए लाश को खाया करते थे फोर जनजाति के लोग
Ajab-Gazab: आपको कभी ना कभी किसी ने खुश रहने और हंसते रहने की सलाह दी होगी. क्योकि हंसना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. मनोवैज्ञानिकों का भी मानना है कि ज्यादा हंसने वाले की उम्र भी ज़्यादा होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज़्यादा हंसने की वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई. दुनिया में एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसमें इंसान हंसते-हंसते मर जाता है.
इंसानी मांस खाने से होती है ये बीमारी
हंसा-हंसा के मार डालने वाली खतरनाक बीमारी इंसान के मांस को खाने से होती है. पापुआ न्यू गिनी में फोर नाम की एक जनजाति थी, जो सबसे कटकर रहना पसंद करते थे. इस जनजाति में अगर किसी की मौत होती थी तो वो लोग अपनों को श्रद्धांजलि दिया करते थे. जिसके लिए मरने वाले की लाश को खाया जाता था. जिसमें बच्चे और औरतें लाश का दिमाग खाते थे वहीं पुरुष शरीर के बाकी बचे हिस्सों को खाया करते थे.
दरअसल इंसान के दिमाग में खतरनाक मॉलिक्यूल होते हैं जो दिमाग खाने की वजह से शरीर में आ जाते थे. इसकी वजह से लोग कुरू नाम की खतरनाक बीमारी से पीड़ित हो रहे थे. 1950 में इस प्रथा को गैरकानूनी करार दिया गया और जिसकी बाद कुरु महामारी कम होने लगी थी.
2009 तक सामने आए रोगी
इस बीमारी में हंसना भी एक महत्वपूर्ण लक्षण है, जिसमें पीड़ित को इतनी ज़्यादा हंसी आती है कि उसकी तबीयत बिगड़ने की वजह से उसकी मौत हो जाती है.ये रोग 10 से 50 साल तक होता है. इंसानी मांस को खाने पर जब बैन लगाया गया तो उसके बाद इस बीमारी के मामले कम सामने आए. लेकिन यह बीमारी 2009 तक सामने आती रही, लेकिन इसके बाद फिर मामले आने बंद हो गए. इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है इसमें मरीज़ 1 साल से ज़्यादा नहीं जीवित रह पाता है.