क्या इतना मोटा होना गैरकानूनी है? कैब ड्राइवर ने 220 किलो की महिला को बिठाने से किया इंकार!- Video
एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक कैब ड्राइवर ने एक महिला को उसके वजन के कारण अपनी कार में बैठने से मना कर दिया. महिला ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, जो अब वायरल हो गया है. महिला ने कैब एप Lyft के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जबकि ड्राइवर का कहना था कि उसकी कार का टायर महिला का वजन नहीं झेल पाएगा. क्या ये भेदभाव है या ड्राइवर का सही कदम? पूरी जानकारी के लिए पढ़ें!
Viral Video: क्या हो जब कोई कैब ड्राइवर किसी के वजन के कारण उसे अपनी कार में बैठने से मना कर दे? ऐसा ही एक अजीब मामला हाल ही में सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस मामले में, एक ‘प्लस साइज’ म्यूजिक आर्टिस्ट और इन्फ्लुएंसर, डाजुआ ब्लैंडिंग ने राइड एप Lyft के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, क्योंकि एक कैब ड्राइवर ने उनके भारी वजन को देखकर उन्हें अपनी कार में बैठने से मना कर दिया.
कैब ड्राइवर ने क्या कहा?
डाजुआ ने कैब बुक की थी, लेकिन जब ड्राइवर उनके पास पहुंचा, तो उसने उन्हें कैब में बैठाने से साफ इनकार कर दिया. ड्राइवर ने कहा कि “मुझे माफ करें, मेरी कार छोटी है, इसके टायर आपका वजन नहीं संभाल पाएंगे. आप ऊबर XL बुक करें.” यह सुनकर डाजुआ को गुस्सा आया, और उसने इस पूरे वाकये को टिकटॉक पर शेयर किया, जो अब वायरल हो चुका है.
— The Daily Sneed™ (@Tr00peRR) January 27, 2025
महिला का वजन और कानूनी पहलू
डाजुआ का वजन करीब 221 किलो (489 पाउंड) है. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी वह छोटी कारों में बैठ चुकी हैं और कभी वजन की वजह से कोई समस्या नहीं आई. उन्होंने बताया कि मिशिगन राज्य का कानून इस तरह से सेवा से मना करने को सुरक्षा उल्लंघन मानता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, राइड एप Lyft ने इस विवाद के बाद कैब ड्राइवर को टर्मिनेट कर दिया.
सोशल मीडिया पर मिले मिले मिले mixed रिएक्शन
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो चुका है और यूजर्स की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. कुछ यूजर्स ने ड्राइवर को सही ठहराया, तो कुछ ने इसे गलत माना. एक यूजर ने कहा, "इतना मोटा होना ही गैरकानूनी होना चाहिए," तो एक अन्य यूजर ने कहा, "बस पिकअप कैंसिल करो और गाड़ी स्टार्ट कर जाओ."
क्या यह मामला मोटापे के खिलाफ भेदभाव को दर्शाता है?
यह मामला इस बात पर भी सवाल खड़ा करता है कि क्या मोटे लोगों को उनके शरीर के आकार की वजह से सार्वजनिक परिवहन या सेवाओं से इनकार किया जा सकता है? क्या यह भेदभाव की श्रेणी में आता है? क्या यह उनके अधिकारों का उल्लंघन है? सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर खूब चर्चा हो रही है और कई लोग इस पर अपनी राय दे रहे हैं.
क्या आप भी कभी ऐसी स्थिति का सामना कर चुके हैं?
इस मामले ने यह भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमें किसी की शारीरिक स्थिति को देखकर उसे सेवा देने से इनकार कर देना सही है? यह मामला और इसके बाद के रिएक्शन निश्चित ही एक बड़ा सवाल खड़ा करते हैं.