हे भगवान! भूत के खौफ से औरत बना मर्द, 36 साल से दुल्हन बनकर घूम रहा शख्स
यूपी के जौनपुर में एक व्यक्ति पिछले 36 सालों से भूत के डर से महिला के रूप में रह रहा है. यह अजीबोगरीब मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जहां लोग इसे भूत-प्रेत और अंधविश्वास से जोड़कर अलग-अलग कहानियां बना रहे हैं. शख्स भूत-प्रेत का प्रभाव मानता है.

उत्तर प्रदेश के जौनपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शख्स पिछले 36 सालों से महिला के रूप में जीवन बिता रहा है. कारण? भूत का डर! यह घटना न सिर्फ स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है, बल्कि पूरे देश में भी हैरानी का कारण बनी हुई है.
यह व्यक्ति दावा करता है कि उसकी दूसरी पत्नी की आत्मा उसे सताती है, जिसके चलते उसने पुरुषों के कपड़े पहनना छोड़ दिया और साड़ी व चूड़ियां पहनने लगा. उसकी मान्यता है कि अगर वह पुरुषों की तरह रहेगा तो भूत उसे नुकसान पहुंचा सकता है. अब यह मामला अंधविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को लेकर बहस का विषय बन गया है.
भूत के डर से बदला जीवन
इस शख्स ने बताया कि उसकी अब तक तीन शादियां हो चुकी हैं, लेकिन दूसरी पत्नी की मौत के बाद उसकी आत्मा उसे सताने लगी. उसे सपनों में डरावने अनुभव होने लगे और इसी डर से उसने अपनी पूरी जीवनशैली बदल दी. वह पिछले 36 वर्षों से पूरी तरह महिला के वेश में रह रहा है.
परिवार में दुखों की छाया
इस व्यक्ति के मुताबिक, उसके नौ बेटे हुए, लेकिन उनमें से सात की असमय मौत हो गई. पत्नी की मौत के बाद उसे अजीब-अजीब सपने आने लगे, जिसमें उसकी पत्नी उसे धमकाती थी. डर के कारण उसने महिलाओं जैसे कपड़े पहनने शुरू कर दिए और तब से उसने कभी अपनी पहचान नहीं बदली.
गांव में फैली चर्चा
यह अनोखी घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. जहां कुछ लोग इसे अंधविश्वास मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या बता रहे हैं. गांव के कई लोग इसे भूत-प्रेत का असर मानकर इससे डर भी रहे हैं.
अंधविश्वास बनाम मानसिक स्वास्थ्य
इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या यह महज अंधविश्वास है या फिर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कोई गंभीर समस्या? विशेषज्ञों का मानना है कि व्यक्ति को उचित परामर्श और उपचार की जरूरत हो सकती है. समाज को ऐसी घटनाओं पर जागरूकता बढ़ानी चाहिए ताकि लोग बिना वैज्ञानिक आधार के किसी भी अंधविश्वास में न फंसें.
समाज को सीख लेने की जरूरत
यह घटना मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज के नजरिए को भी उजागर करती है. जरूरी है कि ऐसे मामलों को केवल भूत-प्रेत से जोड़कर न देखा जाए, बल्कि वैज्ञानिक सोच और चिकित्सा सहायता की दिशा में कदम बढ़ाया जाए.


