Leaked audio:' कुंवारी लड़की का दूध पिया है' इंस्पेक्टर के बयान ने मचाया बवाल
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक इंस्पेक्टर और कांस्टेबल के बीच हुई बातचीत का ऑडियो लीक होने से हड़कंप मच गया है. इस ऑडियो में कथित तौर पर अधिकारी के बीच की बातचीत सुनाई दे रही है, जिसने सोशल मीडिया पर खलबली मचा दी है. जनता और विभाग में इस पर तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। मामले ने विभागीय अनुशासन और जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ट्रैडिंग न्यूज. उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक इंस्पेक्टर और कांस्टेबल के बीच की कथित बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है. इस ऑडियो में दोनों अधिकारियों के बीच हुई आपत्तिजनक बातचीत ने पुलिस की कार्यशैली और व्यवहार पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
ऑडियो में कथित तौर पर इंस्पेक्टर कांस्टेबल से पूछते हैं:
कांस्टेबल (बीमार): "नहीं, कभी नहीं।"
इंस्पेक्टर: "पियो, इसमें ताकत मिलेगी।"इस तरह की बातचीत ने लोगों को चौंका दिया है और कई लोग इसे पुलिस की गरिमा के खिलाफ मान रहे हैं.
जांच की प्रक्रिया शुरू
ऑडियो वायरल होने के बाद बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इस मामले का संज्ञान लिया है. प्राथमिक रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ऑडियो की प्रामाणिकता की जांच की जा रही है. यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जांच में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "ऐसे व्यवहार को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता. मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरी जांच की जा रही है, और दोषी पाए जाने पर सख्त कदम उठाए जाएंगे.
थानेदार : कुंवारी लड़की का दूध पिया है कभी?
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) November 18, 2024
बीमार सिपाही : नहीं, कभी नहीं
थानेदार : अबे दूध पी, करंट आ जाएगा
बरेली, UP के बताए जा रहे इस ऑडियो पर अफसरों ने जांच शुरू कर दी है। pic.twitter.com/p6A1KGYEVY
सोशल मीडिया पर नाराजगी
इस विवादित ऑडियो ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं जन्म दी हैं। नेटिज़न्स ने पुलिस विभाग के अधिकारियों के इस तरह के व्यवहार की कड़ी निंदा की है। कई लोग पुलिसकर्मियों के लिए कड़े प्रशिक्षण और आचार संहिता लागू करने की मांग कर रहे हैं।
पुलिस के आचरण फिर उठे सवाल
यह घटना पुलिस विभाग में बढ़ते विवादों की एक और कड़ी जोड़ती है. इससे पहले भी पुलिस के आचरण को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं. यह मामला पुलिस बल में जवाबदेही और सुधार की आवश्यकता को उजागर करता है. लोगों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं जनता के विश्वास को कमजोर करती हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और पुलिस विभाग में अनुशासन और नैतिकता को बढ़ावा दिया जाए.