Viral Video: राजस्थान के जोधपुर शहर में हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई. जिससे लोगों के बीच आक्रोश फैल गया है. दरअसल, पावटा के सैटेलाइट अस्पताल में एक लैब अटेंडेंट को यूट्यूब ट्यूटोरियल देखते हुए एक मरीज का इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) करते हुए का एक वीडियो सामने आया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वायरल वीडियो में यह स्पष्ट दिखाई देता है कि लैब अटेंडेंट को मरीज और उनके परिवार के बार-बार योग्य डॉक्टर की तलाश करने की अपीलों का कोई असर नहीं हुआ. इसके बावजूद, वह अपने फोन पर वीडियो देखकर ईसीजी करने में बीजी रहा, जबकि मरीज और उनके परिवारवालों की चिंता बढ़ती जा रही थी. यह घटना अस्पताल के मेडिकल प्रोटोकॉल और इलाज के मानकों पर गंभीर सवाल खड़े करती है.
इस मामले का वीडियो रिकॉर्ड करने वाले एक गवाह के अनुसार, मामले ने अस्पताल के अंदर स्टाफिंग और ट्रेनिंग संबंधी गंभीर मुद्दों को उजागर करने का काम किया है. वीडियो में यह सुझाव दिया गया कि नर्सिंग स्टाफ की मिलीभगत हो सकती है, और यह भी दिखाई दिया कि लैब अटेंडेंट के पास आवश्यक प्रशिक्षण की कमी थी, जिससे अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं.
जब लैब अटेंडेंट से इस बारे में सवाल किया गया, तो उसने खुद स्वीकार किया कि उसे ईसीजी करने का कोई आधिकारिक ट्रेनिंग नहीं है. उसने यह भी बताया कि दिवाली के दौरान अस्पताल में स्टाफ की कमी के कारण उसे ऑनलाइन ट्यूटोरियल के माध्यम से ईसीजी करना पड़ा. हालांकि, उसे मजबूरी में मरीज की मदद करनी पड़ी, लेकिन इस घटना ने मरीज की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में पेशेवर जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
वायरल वीडियो और इसके बाद की आलोचनाओं के मद्देनजर, एसोसिएटेड मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल बीएस जोधा ने इस मामले की आधिकारिक जांच का ऐलान किया है. उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच में यदि कोई कर्मचारी दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, 'घटना की पूरी तरह से जांच की जा रही है और जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.'
यह घटना अस्पतालों में, खासकर महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं जैसे ईसीजी के लिए, योग्य मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से उजागर करती है. इसके साथ ही, यह भी दिखाता है कि मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन करना कितना जरूरी है, ताकि मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके. First Updated : Tuesday, 05 November 2024