Donkey For Beauty: जवानी और ख़ूबसूरती बचाने के लिए हर साल लाखों की तादाद में मारे जा रहे हैं गधे

Donkey: दुनियाभर में हर साल लाखों की तादाद गधे मारे जा रहे हैं. इसकी पीछे की वजह जब तलाश की गई तो पता चला कि उन्हें इंसानों की ख़ूबसूरती और जवानी बचाने के लिए गधों को मारा जा रहा है.

Tahir Kamran
Edited By: Tahir Kamran

'गधा' एक ऐसा शब्द है जिसे अक्सर किसी को जाहिल, कम अक्ल या नीचा दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि गधों का असली इस्तेमाल आजकल जवानी बरकरार रखने और ख़ूबसूरती बढ़ाने के लिए किया जा रहा है? जी हाँ इंसानों की जवानी और ख़ूबसूरती को बनाए रखने के लिए लाखों की तादाद में गधों का मारा जा रहा है. इसीलिए अफ्रीकी देशों में  बड़ी तादाद में लोगों के गधे चुराए जा रहे हैं.

हर साल मारे जाते हैं 59 लाख गधे

हाल ही में बीबीसी उर्दू की एक रिपोर्ट में ‘द डंकी सेंक्चुरी’ के हवाले से बताया कि हर साल दुनियाभर में 59 लाख गधों को मारा जा रहा है और उनकी खाल में पाए जाने वाले एक ख़ास जिलेटिन का इस्तेमाल दवाइयों में किया जा रहा है. रिपोर्ट में बताया गया कि गधे की खाल में पाए जाने वाले 'जिलेटिन' से बनी दवा की चीन में काफी मांग है. इस दवा को चीन में 'एजियाओ' के नाम से जाना जाता है. दावा किया जाता है कि इस दवा में स्वास्थ्य सुधार, सुंदरता और जवानी बनाए रखने वाले गुण हैं. 'जिलेटिन' तैयार करने के लिए गधे की खाल को उबालकर पाउडर, गोलियां या तरल रूप में बनाया जाता है.

Donkey
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लोगों के लिए जरूरी हैं गधे:

एक रिपोर्ट के मुताबिक़ दुनियाभर में गधों की तादाद 5 से 6 करोड़ के बीच है. इनमें से दो तिहाई गधे अफ्रीकी देशों में पाए जाते हैं. यहां गरीब और ग्रामीण इलाक़ों के लिए गधे रीढ़ की हड्डी होते हैं. क्योंकि ये लोग इन गधों की मदद से अपने रोज़मर्रा के कई अहम कामों को अंजाम देते हैं. वहीं कुछ लोग इनकी मदद से कुछ काम धंधा करते हैं, जिससे उनका गुजर-बसर होता है. गधों की खाल का कारोबार कुछ देशों में क़ानूनी है तो कुछ में ग़ैरक़ानूनी भी है. ऐसे में कुछ लोग अफ्रीकी देशों से गधों को चुराकर उन्हें दूसरे देशों में भेज रहे हैं, जहां उनका कारोबार करना जायज़ है.

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तेजी से बढ़ रही दवाई की मांग

रिपोर्ट में बताया गया कि सिडनी यूनिवर्सिटी से संबंध रखने वाले चीन-अफ्रीका संबंधों के प्रोफेसर लॉरेन जॉनस्टन के मुताबिक चीन में 'एजियाओ' बाजार 2013 में लगभग 3.2 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2020 में लगभग 7.8 बिलियन डॉलर हो गया है. इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि चीन में इस दवाई की माँग कितनी तेज़ी से बढ़ रही है. ऐसे में ज़रूरत को पूराने करने के लिए कितनी तादाद में गधों का मारा जा रहा होगा. 

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किस काम आती है ‘एजियाओ’

कड़वी सच्चाई यह है कि एजियाओ का इस्तेमाल मुख्य तौर पर चीन की अमीर महिलाओं के लिए किया जाता है. यह एक ऐसा इलाज है जो हजारों साल पुराना है और माना जाता है कि इसके कई फायदे हैं जैसे खून क्वॉलिटी में सुधार, अनिद्रा से राहत और ‘फर्टिलिटी’ बढ़ाना. 2011 में एक टीवी शो में इसके बारे में लोगों को बताया गया था. जिसके बाद से इसकी माँग तेज़ी बढ़ रही है. इस शो के जरिए इस दवाई के इस्तेमाल को खूबसूरती से भी जोड़ा गया.

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19 February 2024, 02:15 PM IST

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