अमेरिका में नाश्ते के लिए छिपकली! मुर्गी का अंडा हुआ महंगा तो शख्स ने अपनाया अनोखा तरीका

अमेरिका में अंडों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि ने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर दिया है, क्योंकि अंडा यहां के नाश्ते का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. बर्ड फ्लू और डोनाल्ड ट्रंप की नई नीतियों के चलते अंडे की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. कुछ जगहों पर तो एक दर्जन अंडे की कीमत 10 डॉलर (लगभग 870 रुपये) तक पहुंच गई है, जिससे लोगों के बजट पर भारी असर पड़ा है.

America chicken egg expensive: अमेरिका में मुर्गी के अंडे की कीमत बढ़ने पर अमेरिका के एक शख्स ने अनोखा तरीका खोज निकाला है. महंगी कीमत से बचने के लिए उसने छिपकली के अंडे खाने शुरू कर दिया है. साथ ही उसने बताया कि ये अंडे एकदम मुर्गी के अंडों जैसे होते हैं. इनके स्वाद भी वैसे ही होते हैं. किसी को बताया नहीं जाए तो लोग जान नहीं सकते हैं.

फ्लोरिडा के जॉन जॉनसन ने इस समस्या का एक अजीब और अनोखा हल निकाला है. उन्होंने अंडे की कमी को पूरा करने के लिए ग्रीन इगुआना नामक छिपकली का शिकार करना शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि इगुआना के अंडे खाने में बिल्कुल मुर्गी के अंडों जैसे होते हैं. उनका यह भी मानना है कि अगर किसी को बिना बताये इगुआना के अंडे दिए जाएं, तो वह पहचान नहीं पाएगा कि वे मुर्गे के अंडे नहीं हैं.

ग्रीन इगुआना आक्रामक प्रजाति

ग्रीन इगुआना, जो मूल रूप से सेंट्रल और साउथ अमेरिका से है, अब दक्षिण फ्लोरिडा में एक आम दृश्य बन चुका है. यह एक आक्रामक प्रजाति मानी जाती है और इसके कारण स्थानीय संपत्ति को नुकसान भी हो रहा है. जॉन इस प्रजाति को मारकर एक तरह से पर्यावरण की रक्षा भी कर रहे हैं, क्योंकि उनकी संख्या को नियंत्रित करने से स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित किया जा सकता है. 

देश ने दिया है सरीसृपों को मारने का लाइसेंस

इसके अलावा, जॉन को फ्लोरिडा की फिश एंड वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन कमिशन (एफडब्ल्यूसी) द्वारा राज्य में इन गैर-देशी सरीसृपों को मारने का लाइसेंस भी प्राप्त है. वह मुख्य रूप से मार्को आइलैंड पर इगुआना का शिकार करते हैं, जो मेक्सिको की खाड़ी के पास एक द्वीप है. इस तरीके से न केवल जॉन को नाश्ते के लिए अंडे मिल रहे हैं, बल्कि वह पर्यावरण के लिए भी कुछ अच्छा कर रहे हैं. 

इस तरह से, जॉन ने अंडे की बढ़ती कीमत से निपटने के लिए एक न केवल अनोखा, बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा में भी मददगार तरीका खोजा है.

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21 March 2025, 09:33 PM IST

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