महाकुंभ की भीड़ में खोई, अब 15 दिन बाद मिली... सोशल मीडिया के जरिए बुजुर्ग मां और बेटे का मिलन
महाकुंभ में स्नान के दौरान लापता हुई बिहार की लाखपातो देवी 15 दिनों बाद झारखंड के गढ़वा जिले में सुरक्षित मिली. पंचायत की मुखिया ने सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा की, जिससे उनके बेटे राहुल कुमार को मां के बारे में जानकारी मिली. सोशल मीडिया के जरिए मां-बेटे का मिलन हुआ, बेटे ने आभार जताते हुए इसे बिछड़ों को जोड़ने का सशक्त जरिया बताया.

आस्था की डुबकी लगाने के लिए एक महिला महाकुंभ आई थी, लेकिन वो 15 दिनों तक लापता रही. अब महिला सुरक्षित मिली हैं, जिसके बाद, परिवार में खुशी का माहौल हैं. लाखपातो देवी नाम की ये महिला बिहार के रोहतास जिले के कोचस प्रखंड के बलथरी गांव की रहने वाली हैं.
24 फरवरी के दिन महिला अपने परिवार के साथ महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज गई थी, लेकिन भारी भीड़ के चलते वो अपने परिवार से बिछड़ गई. महिला को ढूंढने के लिए परिवार ने पूरजोर कोशिश की, लेकिन वो नहीं मिली तो निराश होकर उन्हें घर लौटना पड़ा. हालांकि, सोशल मीडिया के जरिए महिला की जानकारी मिल पाई, जिसके बाद उन्हें सुरक्षित वापस लाया गया.
कहां मिली लापता महिला?
15 दिनों तक लापता रहने के बाद महिला झारखंड के गढ़वा जिले के बहियारपुर खुर्द पंचायत में पाई गई. पंचायत की मुखिया सोनी देवी और उनके पति वीरेंद्र बैठा ने बताया कि एक दिन एक बुजुर्ग महिला उनके घर आई और असमंजस में कुछ कहने लगी. वो मानसिक रूप से परेशान नजर आई, इसलिए उन्होंने उन्हें खाना खिलाया और सुरक्षित ठहरने की व्यवस्था की.
बहियारपुर खुर्द पंचायत की मुखिया सोनी देवी ने महिला के प्रति इंसानियत दिखाते हुए उसे अपने घर में ही रहने दिया. जिसके बाद, उन्होंने पड़ोसी पंचायत के मुखिया अंजनी सिंह से संपर्क किया और महिला की पहचान के लिए उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की.
बेटे ने बताया मां कैसे मिली?
महिला की तस्वीर वायरल होने के बाद उनके बेटे राहुल कुमार की नजर इस पोस्ट पर पड़ी. जिसके बाद राहुल झारखंड के गढ़वा जाकर अपनी मां को घर वापस ले आया. उन्होंने बताया कि मां को विष्णु देव पासवान के घर पर आसरा मिला था, जहां उनका पूरा ख्याल रखा गया. आगे बताया कि 24 फरवरी को उनकी मां कुंभ मेले में बिछड़ गई थी. परिजनों ने मेले में ही दो दिनों तक उन्हें खोजने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई और फिर मजबूरन घर लौटना पड़ा.
बेटे ने सोशल मीडिया का किया धन्यवाद
राहुल ने भावुक होकर कहा कि जब 10 मार्च को सोशल मीडिया पर मां की तस्वीर वायरल हुई, तब हमें सूचना मिली. तुरंत गढ़वा जाकर मां को पहचाना और घर ले आए. गांव वालों ने मेरी मां को बहुत सम्मान और प्यार दिया. मैं सोशल मीडिया का दिल से धन्यवाद करता हूं, जिसने मेरी मां को मुझसे मिलाया.