Mahakumbh 2025: महाकुंभ हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है, और इस बार यह 13 जनवरी से शुरू हो रहा है. इस बार महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है. यहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है. इस बार के महाकुंभ का पहला शाही स्नान 14 जनवरी को होगा, जिसमें नागा साधु सबसे पहले पवित्र स्नान करेंगे. इस भव्य सामारोह की छंटा को निहारने के लिए साधू से लेकर अघोरी तक प्रयाग राज पधारे रहे हैं. इस बीच महाकुंभ में एक चाय वाले बाबा की एंट्री हुई जो इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं.
इस बाबा को लोग 'चाय वाले बाबा' के नाम से जानते हैं. इन बाबा की विशेषता यह है कि वे पिछले 40 सालों से मौन व्रत धारण किए हुए हैं. ये न तो कुछ खाते हैं और न बोलते हैं. हालांकि फिर भी वे सिविल सेवा (IAS) के उम्मीदवारों को मार्गदर्शन और मदद देते हैं. तो चलिए इस बाबा के बारे में जानते हैं.
चाय वाले बाबा ने अपनी साधना के तहत मौन व्रत रखा है और केवल चाय पीकर अपना जीवन व्यतीत करते हैं। उनकी दिनचर्या में खाने-पीने का कोई स्थान नहीं है, और वे हर दिन सिर्फ 10 कप चाय पीकर अपना जीवन जीते हैं। उनका यह अनोखा तरीका लोगों के लिए एक प्रेरणा बन चुका है.
एएनआई के रिपोर्ट के अनुसार, बाबा का जीवन बहुत साधारण है, लेकिन उनकी शिक्षाएं और मार्गदर्शन लोगों के लिए अनमोल हैं.
बाबा का एक प्रमुख कार्य यह है कि वे सिविल सेवा के उम्मीदवारों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं. उनके एक शिष्य ने बताया कि वे पिछले पांच वर्षों से बाबा के साथ जुड़े हुए हैं और बाबा जब भी उन्हें मदद की जरूरत होती है, तो व्हाट्सएप के माध्यम से मार्गदर्शन देते हैं. बाबा की चुप्पी के बावजूद, वे इशारों और लिखित संदेशों के द्वारा अपने शिष्यों को सलाह देते हैं.
चाय वाले बाबा का उद्देश्य सिविल सेवा के उम्मीदवारों को शिक्षित करना और उन्हें उनकी यात्रा में सफलता प्राप्त करने में मदद करना है. वे अपना सारा ध्यान इस कार्य में लगाते हैं और बिना किसी भेदभाव के सभी को निःशुल्क मार्गदर्शन प्रदान करते हैं. उनका विश्वास है कि ज्ञान बांटने से ही समाज का कल्याण होता है.
महाकुंभ न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी एक महत्वपूर्ण आयोजन है. इस बार भी लाखों लोग इस महान अवसर का हिस्सा बनने के लिए प्रयागराज पहुंचेंगे. First Updated : Friday, 10 January 2025