हलाला जैसी प्रथाएं महिलाओं के लिए एक दर्दनाक अनुभव बन गई हैं. इस्लाम के नाम पर की जा रही इस प्रथा के तहत तलाकशुदा महिलाओं को दोबारा शादी करने से पहले किसी अन्य व्यक्ति से शादी करनी होती है और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने पड़ते हैं. इसके बाद वह पुरुष तलाक देकर महिला को छोड़ देता है, ताकि वह अपने पहले पति से फिर से निकाह कर सके. हालांकि, कुछ मौलाना हलाला के नाम पर गंदा खेल रहे हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हलाला के नाम पर कुछ मौलाना तलाकशुदा महिलाओं का शारीरिक और आर्थिक शोषण कर रहे हैं. ये मौलाना महिलाओं से एक रात के लिए शादी करने के बदले मोटी रकम वसूलते हैं. यह रकम 20 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक होती है.
हलाला एक ऐसी प्रथा है जिसमें तलाकशुदा महिला को अपने पहले पति से फिर से शादी करने के लिए किसी दूसरे पुरुष से शादी करनी पड़ती है. इस दौरान वह पुरुष उस महिला के साथ एक रात बिताता है और फिर तलाक देकर उसे छोड़ देता है. इसके बाद महिला अपने पहले पति से दोबारा निकाह कर सकती है.
हलाला के नाम पर कई मौलाना इस प्रथा का गलत फायदा उठा रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, तलाकशुदा महिलाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर मौलाना उनसे मोटी रकम वसूलते हैं. यह रकम 20 हजार से 2 लाख रुपये तक हो सकती है. इन मौलानाओं के लिए यह न केवल पैसे कमाने का जरिया बन गया है, बल्कि यह उनकी गंदी मानसिकता को भी उजागर करता है.
एक मौलाना के मुताबिक, उसकी दो पत्नियां हैं. इस वजह से वह जब हलाला के लिए किसी महिला से मिलता है, तो उसकी बीवियों को शक नहीं होता. एक को लगता है कि वह दूसरी पत्नी के पास है और दूसरी को लगता है कि वह पहली पत्नी के पास है. इस बहाने वह हलाला के नाम पर न केवल शारीरिक संबंध बनाता है बल्कि मोटी रकम भी वसूलता है.
हलाला जैसी प्रथाएं न केवल महिलाओं के अधिकारों का हनन करती हैं बल्कि उनके आत्मसम्मान को भी ठेस पहुंचाती हैं. तलाकशुदा महिलाओं के लिए यह प्रथा किसी दोहरी सजा से कम नहीं है. उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें आर्थिक और शारीरिक रूप से शोषित किया जाता है. हलाला जैसी प्रथाएं न केवल समाज को पीछे ले जाती हैं बल्कि धर्म को भी बदनाम करती हैं. First Updated : Friday, 29 November 2024