'मां ने बेटी की बलि दी, तंत्र-मंत्र के चक्कर में मासूम की जान चली गई!'
पलामू के खडारपर गांव में एक मां ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में अपनी डेढ़ साल की बेटी की बलि दे डाली. इस हैरान कर देने वाली घटना में महिला ने अपनी बेटी का दिल निकालकर पकाया और खुद खा लिया. दावा किया कि तांत्रिक के कहने पर उसने यह क़दम उठाया था, ताकि घर की गरीबी दूर हो सके. जब महिला घर लौटी तो परिवार ने उसकी हालत देखी और फिर पता चला कि उसने अपनी बेटी की हत्या कर दी थी. जानिए पूरी कहानी, कैसे अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र ने एक मासूम की जान ली.
Tragic Tale of Superstition: झारखंड के पलामू जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मां ने अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के चक्कर में अपनी मासूम बेटी की बलि दे डाली. यह घटना पलामू के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के खडारपर गांव की है. एक तरफ मां की ममता को शर्मसार करने वाली यह घटना सामने आई है, वहीं दूसरी तरफ अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र की जादू-टोने की वजह से एक मासूम की जान चली गई.
मां ने बेटी की हत्या कर उसके दिल को पकाया और खाया
गीता देवी नामक महिला ने अपनी डेढ़ साल की बेटी की हत्या करने के बाद उसका दिल निकालकर पकाया और खुद खा लिया. इतना ही नहीं, महिला ने तंत्र-मंत्र के प्रभाव में आकर उस दिल को तंत्रिक को प्रसाद के रूप में भी खिलाया. महिला का मानना था कि इस बलि के बाद उसे तंत्र विद्या से शक्तियां मिलेंगी, जिससे वह अपने घर की आर्थिक स्थिति को सुधार सकेगी. यह खौफनाक घटना 12 नवंबर की रात हुई थी.
अंधविश्वास ने किया एक मासूम की बलि
घटना का पर्दाफाश तब हुआ जब गीता देवी, जो अपनी बेटी के साथ घर से बाहर गई थी, देर रात निर्वस्त्र होकर घर लौटी. उसके परिवार वालों ने उसकी स्थिति देखी तो वह घबराए और गीता देवी से पूछा कि क्या हुआ. महिला ने बताया कि उसने अपनी बेटी की बलि दी और कहा कि वह उसे अगले दिन जिंदा कर देगी. यह सुनकर परिजनों के होश उड़ गए और उन्होंने पुलिस को सूचना दी.
तंत्रिक के प्रभाव में आकर हुआ क़त्ल
पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि गीता देवी के गांव में बिहार के सासाराम से आए एक तांत्रिक का प्रभाव था, जो तंत्र-मंत्र से लोगों को अपनी समस्याओं का हल देने का दावा करता था. महिला तांत्रिक की बातों में आकर अपनी बेटी की बलि देने के लिए राजी हो गई. यह तांत्रिक गीता देवी के घर आकर उसे तंत्र विद्या की शरण में जाने की सलाह देता था. महिला ने अपनी बेटी की बलि देकर यह मान लिया था कि इससे उसके घर की गरीबी दूर हो जाएगी.
आरोपी महिला की गिरफ्तारी, तांत्रिक की तलाश जारी
पुलिस ने महिला गीता देवी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है. साथ ही, तांत्रिक की तलाश के लिए पुलिस की एक टीम छापेमारी कर रही है. गीता देवी का कहना है कि यदि उसे पकड़ा नहीं जाता तो वह अगले दिन अपनी बेटी को जिंदा कर देती. पुलिस अब इस पूरे मामले में तंत्र-मंत्र के प्रभाव और महिला के मानसिक स्थिति की जांच कर रही है.
क्या है इस घटना का संदेश?
यह घटना समाज में अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के प्रभाव के खतरों को उजागर करती है. यह बताता है कि कैसे एक इंसान, खासकर एक मां, अपने बच्चों के जीवन से समझौता करने के लिए सिर्फ अंधविश्वास और जादू-टोने का शिकार बन सकती है. ऐसे में समाज को इस प्रकार के अंधविश्वास से बचने के लिए जागरूक करना बेहद जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके. इस घटना ने न केवल एक मासूम की जान ली, बल्कि समाज के सामने एक बड़ा सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या हम सच में अंधविश्वास के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं?