Mughal History: मुगल खुद को तैमूर वंशज क्यों मानते थे, क्या है इसके पीछे का इतिहास

Mughal History: मुग़ल साम्राज्य की शुरुआत अप्रैल 1526 अप्रैल में इब्राहिम लोदी और बाबर के बीच हुए पानीपत के युद्ध के बाद हुई थी. बताया जाता है कि इस जीत के बाद भारत में दिल्ली सत्लनत के शासन का खात्मा हुआ और मध्यकालीन भारत में मुगल वंश की नींव रखी गई थी.

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Mughal History: मुग़ल वंश की स्थापना करने के बाद करीब 18 वीं शताब्दी, देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम तक मुगलों ने भारतीय उपमहाद्धीप पर राज किया था. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के आने तक भारत में मुगलों ने अपना शासन चलाया था. मुगल सम्राज्य एक काफी कुशल, एव संगाठित सम्राज्य था.

मुगल वंश का शासन, भारत के मध्ययुगीन इतिहास के एक युग परिवर्तन को प्रदर्शित करता है. मुगलकालीन ने भारत में ही कला, शिल्पकला, का विकास किया था. इसके साथ ही भारत में अधिकतर खूबसूरत एंव ऐतिहासिक इमारतें मुगलकाल के समय में बनाई गई थी. जो कि भारत में ये सभी इमारत अभी भी मौजूद हैं.

क्यों कहा जाता है मुगलों को मुगल?

मुगल शब्द का प्रयोग मुगल साम्राज्य के लोगों के लिए किया जाता है. जिन्होंने 16वीं सदी से 18वीं सदी तक भारतीय महाद्वीप पर शासन किया.

मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर को प्रारम्भिक रूप से तुर्की नस्ल से जोड़ा जाता है. उनके बाद के मुगल शासकों को ने भी वंशावली में तुर्की और पर्शी नस्ल के संगठन का पालन किया.

मुगलों को मानते थे गंवार

बाबर और इनकी पिछली पीढ़ियों का समय तुर्की में बीता था. यही कारण था कि वकी भाषा तुर्की रही, लेकिन मुगलों ने खुद को साबित करने के लिए भाषा सीखी थी. ऐसी इसीलिए क्योंकि फारस के लोगों की नजर में इनकी छवि गंवारों की थी. इस छवि को तोड़ने के लिए मुगलों तुर्की को पीछे छोड़ते हे फारसी को अपने साम्राज्य में राजकाज की भाषा चुना. First Updated : Friday, 30 June 2023