दिल्ली मेट्रो में यात्रा करना लाखों लोगों के लिए रोजमर्रा की बात है, लेकिन कभी-कभी यात्रा का अनुभव बहुत ही कष्टकारी और अपमानजनक हो सकता है. ऐसा ही एक वाक्या दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन हुआ. जब एक महिला को नस्लवादी टिप्पणी का सामना करना पड़ा. महिला अपने अपमान के बाद परेशान हो गई और इस घटना को अपने सोशल मीडिया अकाउंट रेडिट पर शेयर किया है, जिसके बाद सामाजिक जिम्मेदारी और शिष्टाचार को लेकर बहस छिड़ गई.
महिला ने बताया कि वह दिल्ली से यात्रा कर रही थी. इस दौरान ब्लू लाइन पर महिला कोच में एक महिला ने अपने बच्चे के लिए सीट देने को कहा. मैं ऑफिस की थकावट के बाद सीट पर बैठी हुई थी, लेकिन मैंने उसकी बच्ची के लिए थोड़ी जगह दे दी. वह छोटी सी बच्ची मेट्रो में चढ़ने के बाद से ही "चीनी चीनी चीनी चीनी" बड़बड़ाती रही लेकिन मैंने उसे अनदेखा कर दिया क्योंकि मुझे लगा कि यह सब मेरे दिमाग में है और मैं बेकार में गुस्सा नहीं करना चाहती थी.
Faced racism in Metro by a literal child.
byu/No-Budget1110 indelhi
यह मेरी गलती नहीं है कि मैं ऐसा दिखती हूं
महिला ने आगे बताया कि वह बार-बार वही बोल रही थी और कुछ अपशब्दों को बहुत जोर से दोहराती रही, जैसे कि वह सच हो. हर कोई मुझे घूरने लगा. जैसे मैंने कुछ गलत किया हो और मैं बहुत शर्मिंदा हो गई.लेकिन बच्ची की मां ने उसे कुछ नहीं कहा. वह बस उसे उनदेखा कर रही थी और फोन को स्क्रॉल कर रही थी. मैं बस अपना चेहरा नीचे करके बैठी रही क्योंकि मैं एक छोटे से बिगड़ैल बच्चे से झगड़ा नहीं करना चाहता थी, जिसके पास कोई शिष्टाचार नहीं है और यह वास्तव में बेकार होगा. इसके कारण मेरा पूरा दिन बर्बाद हो गया. यह मेरी गलती नहीं है कि मैं ऐसा दिखती हूं, यह पहली बार नहीं है जब मुझे नस्लवाद का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन फिर भी एक बच्चे के रूप में किसी अजनबी पर टिप्पणी करना बिल्कुल भी उचित नहीं है! और उसकी माँ का कुछ भी नहीं करना भी बहुत चिंताजनक बात है.
पीड़ित महिला ने बताया कि उनके चेहरे से वे बहुत अमीर और शिक्षित लग रहे थे, लेकिन आजकल शिक्षा शिष्टाचार को उचित नहीं ठहराती. उसने आगे एक भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि यदि आप एक अभिभावक या किशोर हैं जो इसे पढ़ रहे हैं, तो कृपया अपने बच्चे को कुछ शिष्टाचार सिखाएं ताकि वे भविष्य में किसी अजनबी के साथ ऐसा न करें!
यूजर्स ने क्या कहा?
कई लोगों ने कमेंट सेक्शन में आकर अपनी राय साझा की. एक यूजर ने लिखा, "जब आप उठे तो आपको मां के पैर पर पैर रखना चाहिए था. एक अन्य ने कहा, "यार मैंने किसी को मुझे मोटी कहते हुए देखा और मैंने उसे यह कहकर वापस बुलाया कि तेरे बाप का खाती हूं क्या. उसके पास कहने के लिए कुछ नहीं था और वह वास्तव में हैरान थी कि मैंने स्वीकार करने और शर्मिंदा होने के बजाय उसे मुंहतोड़ जवाब दिया. ऐसा ही एक छोटे बच्चे के साथ हुआ. एक लड़का. भगवान, वह एक महिला की क्लीवेज को घूर रहा था और किस करने की आवाज़ें निकाल रहा था."
एक यूजर ने लिखा, "यह वास्तव में गलत है कि ऐसा पहली बार हुआ, आपको उनसे बात करनी चाहिए थी, लेकिन आखिरकार हम दिल्ली में रह रहे हैं और यहां के लोग अपनी गलतियों को कभी स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि उनका मटर के आकार का दिमाग इसे समझने में सक्षम नहीं होगा, इसलिए बस एक शोर रद्द करने वाले हेडफ़ोन की एक जोड़ी खरीदें और आप जाने के लिए तैयार हैं, यह मेरी (पूर्व) प्रेमिका के लिए एक जादू की तरह काम करता है." First Updated : Friday, 10 January 2025