Mysterious Story: दुनिया में कई रहस्यमयी स्थान हैं, जिनके बारे में सुनकर रूह कांप जाती है. ऐसा ही एक इलाका है एक वीरान रेगिस्तान में, जिसे 'मौत का कुआं' कहा जाता है. यहां पहुंचने वाले लोग या तो लापता हो जाते हैं या फिर अपनी जान गंवा बैठते हैं. इस इलाके से जुड़े कई भूतिया और खौफनाक किस्से सुनने को मिलते हैं.
हाल ही में इस इलाके की गहराई से जांच के लिए एक रिसर्च टीम पहुंची थी, जो सोलर प्लांट लगाने के लिए सही स्थान का चयन कर रही थी. लेकिन उनका सामना ऐसा खौफनाक रहस्य से हुआ, जिसने सभी को हिला कर रख दिया. आइए, जानते हैं इस 'मौत के कुएं' की पूरी कहानी.
इस वीरान रेगिस्तान में, जहां कुछ समय पहले खनिज संपदा मिलने के संकेत मिले थे, कई लोग खो गए. लालच में वहां गए लोगों का कोई पता नहीं चला. हालांकि, कुछ लोग रेगिस्तान के बाहरी हिस्से से लौटने में सफल रहे, लेकिन कोई भी इसके अंदरूनी हिस्से तक नहीं पहुंच पाया.
कृपाल सिंह ऊंट के जरिए सामान ढोने का काम करता था. एक दिन, गलती से वह इस मौत के कुएं के करीब पहुंच गया. उसका ऊंट आगे बढ़ने को तैयार नहीं हुआ, जिससे वह वापस लौट आया. कृपाल सिंह ने बताया कि उसने वहां किसी अजीब और भूतिया ताकत की मौजूदगी महसूस की थी.
इस रहस्यमयी इलाके में एक सोलर प्लांट लगाने की योजना बनाई गई थी. इसके लिए एक रिसर्च टीम ने इलाके का सर्वे शुरू किया. वे रेगिस्तान में तापमान और सूरज की रोशनी का मापन कर रहे थे. लेकिन जैसे ही टीम मौत के कुएं के करीब पहुंची, उनकी गाड़ी ढलान पर फिसलकर कुएं में समा गई. हजारों टन रेत ने उन्हें ढक लिया, और उनका कोई सुराग नहीं मिला.
रिसर्च टीम की गाड़ी के लापता होने पर कंपनी ने सैटेलाइट से इलाके की तस्वीरें मंगवाईं. लेकिन कुछ समय बाद सैटेलाइट तस्वीरों में भी गाड़ी का कोई अता-पता नहीं चला. कंपनी के अधिकारी किसी भी हालत में प्रोजेक्ट पूरा करना चाहते थे.
जब कंपनी को पता चला कि कृपाल सिंह इस इलाके के करीब तक पहुंच चुका है, तो वे उससे मदद मांगने उसके घर पहुंचे. कृपाल ने उन्हें चेतावनी दी कि वहां कोई रहस्यमयी शक्ति है, लेकिन कंपनी ने उसे मोटी रकम का लालच दिया. मजबूर होकर कृपाल सिंह टीम का हिस्सा बना.
रिसर्च टीम ने कृपाल सिंह की मदद से फिर से उस दिशा में गाड़ी बढ़ाई. कृपाल ऊंट पर सबसे आगे था. लेकिन इस बार ऊंट ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. अचानक टीम की गाड़ी तेज गति से फिसलते हुए कुएं में समा गई. कृपाल सिंह सुरक्षित था, लेकिन आसपास की रेत तेजी से खिसक रही थी.
इस घटना के बाद कंपनी ने इलाके को 'मौत का कुआं' घोषित कर दिया. ऐसा माना जाता है कि यह कुआं रेगिस्तान का रक्षक है, जो वहां किसी भी बदलाव को रोकने के लिए अजीबोगरीब घटनाओं को अंजाम देता है. यह अनसुलझा रहस्य आज भी लोगों के मन में डर और जिज्ञासा पैदा करता है.
Disclaimer: ये कहानी आम मान्याता पर आधारित है. JBT इसकी पुष्टि नहीं करता First Updated : Tuesday, 19 November 2024