Google Map पर भरोसा करना बिहार के परिवार को पड़ा भारी, भयानक जंगल में बितानी पड़ी रात

Navigation Issues: गूगल मैप्स पर भरोसा कभी-कभी जोखिम भरा साबित हो सकता है. ऐसा ही एक अजीब लेकिन खतरनाक मामला तब सामने आया, जब बिहार से गोवा छुट्टियां मनाने जा रहे एक परिवार की यात्रा अचानक डर और अनिश्चितता में बदल गई. गूगल मैप के निर्देशों का पालन करते हुए, परिवार खुद को कर्नाटक के भीमगढ़ के घने जंगल में फंसा हुआ पाया. इस घटना ने डिजिटल नेविगेशन पर अत्यधिक निर्भरता के खतरों को एक बार फिर उजागर कर दिया है.

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Google Maps Error: छुट्टियां मनाने गोवा जा रहे बिहार के एक परिवार की यात्रा अचानक तनाव और डर में बदल गई, जब गूगल मैप पर अत्यधिक निर्भरता ने उन्हें बिहार के बजाए कर्नाटक के बेलगावी जिले के भीमगढ़ जंगल में फंसा दिया. दरअसल बिहार के रहने वाले रंजीत दास और उनके परिवार ने नेविगेशन ऐप पर मार्ग निर्देशों का पालन करते हुए अनजाने में खुद को एक घने और खतरनाक जंगल के बीच पाया. यह घटना 4 दिसंबर की देर रात की है, जब वे गोवा की ओर बढ़ रहे थे. इस घटना के बारे में अब तक जो भी जान पाया है, वो सभी लोग हैरान हो गए हैं. इसके अलावा, अब लोग गूगल मैप्स का उपयोग करने से भी बच रहे हैं.

नेविगेशन ऐप बना मुसीबत का कारण

आपको बता दें कि गूगल मैप्स ने शिरोली और हेमदागा के जरिए जंगल के अंदर एक शॉर्टकट का सुझाव दिया. परिवार ने मार्ग का अनुसरण किया और घने जंगल में लगभग 7-8 किलोमीटर अंदर चले गए. क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण, वे ना तो मदद के लिए कॉल कर सके और ना ही रास्ता ढूंढ पाए. अंधेरे और संभावित खतरों के बीच, परिवार को अपनी कार में पूरी रात गुजारनी पड़ी.

साहस और संयम से मिली राहत

वहीं अगले दिन, रंजीत दास ने मोबाइल नेटवर्क की तलाश में करीब चार किलोमीटर पैदल सफर किया. नेटवर्क मिलते ही उन्होंने हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल किया. बेलगावी पुलिस नियंत्रण कक्ष ने तुरंत खानपुर पुलिस को सूचित किया. बता दें कि इस घटना को लेकर पुलिस इंस्पेक्टर मंजूनाथ नायक ने कहा कि जीपीएस निर्देशांक और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से परिवार का पता लगा लिया गया और उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया. उन्होंने कहा, ''परिवार भाग्यशाली था कि मोबाइल नेटवर्क बहाल हो गया. इस जंगल में हाल ही में भालू के हमले में एक किसान घायल हुआ था.''

गूगल मैप्स के भरोसे से जुड़े पुराने मामले

बताते चले कि यह पहली बार नहीं है जब गूगल मैप्स गलत मार्गदर्शन के लिए सवालों के घेरे में आया है. हाल ही में उत्तर प्रदेश में गूगल मैप्स द्वारा सुझाए गए मार्ग पर चलते हुए एक कार अधूरे पुल से गिर गई थी, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई. इसी तरह, अगस्त 2024 में एक यात्री ने गूगल मैप्स के कारण अपनी फ्लाइट चूकने का अनुभव साझा किया था. ऐप ने बेंगलुरु से केम्पेगौड़ा एयरपोर्ट तक का समय गलत बताया, जिसके चलते वह समय पर नहीं पहुंच सके.

तकनीक पर भरोसा लेकिन सतर्कता जरूरी

बहरहाल, यह घटना डिजिटल नेविगेशन पर अत्यधिक निर्भरता के खतरों को उजागर करती है. तकनीक ने जीवन को आसान बनाया है, लेकिन इसके साथ सावधानी और वैकल्पिक मार्गदर्शन पर भी ध्यान देना आवश्यक है. गूगल मैप्स पर भरोसा करते समय स्थानीय जानकारी और सतर्कता को प्राथमिकता देना न केवल समय बचा सकता है, बल्कि संभावित खतरों से भी बचा सकता है. First Updated : Saturday, 07 December 2024