Nawab Wajid Ali Shah: 300 बीवियों वाला नवाब आखिरी वक्त में क्यों रह गया अकेला, जानिए नवाब वाजिद अली शाह के जीवन से जुड़े किस्से

Nawab Wajid Ali Shah: अवध के नवाब वाजिद अली शाह से जुड़ी कई ऐसी कहानियां हैं, जिनके बारे में जानकर लोग हैरान रह जाते हैं. उनके बेटे का नाम बिरजिस कद्र था जो अवध के आखिरी नवाब थे.

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Nawab Wajid Ali Shah: नवाब वाजिद अली शाह को संगीत में बहुत रुचि थी. वह अक्सर अपने दरबार में संगीत कार्यक्रम आयोजित करते थे और उन्हें 'ठुमरी' संगीत शैली के प्रवर्तक के रूप में भी जाना जाता है. संगीत को लेकर नवाज वाजिद अली शाह के कई किस्से हैं. उन्होंने कई ठुमरियां रचीं. उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान कई रागों, कविताओं और ग़ज़लों की रचना की.

नवाब की थी 300 पत्नियाँ  

वाजिद अली शाह अपने अच्छे हास्य के लिए जाने जाते थे. कहा जाता है कि नवाब वाजिद अली की 300 पत्नियां थीं, इनमें से 112 से ज्यादा शादियां थीं. कुछ मुताह थे, यानी थोड़े समय के लिए विवाह. उन्होंने अरब व्यापारियों की अफ़्रीकी दासियों से भी विवाह किया. इनमें से कुछ उनके अंगरक्षक भी थे. कहा जाता है कि हुगली के मटियाबुर्ज में रहते हुए उन्होंने एक साथ 27 बेगमों को तलाक दे दिया था.

जो अच्छी लगी उसी के हो गए नवाब  

नवाब की पहली पत्नी खास महल एक उच्च परिवार से थीं. नवाब की तरह वह भी शायरी लिखा करती थीं. आलम उनका उपनाम था और लखनऊ का आलमबाग उनकी याद दिलाता है. लेकिन जैसे-जैसे कुछ महीने बीतते गए, नवाब की नजरें नए रिश्तों की तलाश में रहने लगीं. शुरुआती रोने-धोने और झगड़ने के बाद खासमहल ने नवाब के सामने हथियार डाल दिये. 

नवाब वाजिद अली राजपरिवार, चकलादारों, जमींदारों, तालुकदार परिवारों की बेटियाँ उनकी पत्नी बन जाती थीं, तो कई मामलों में नवाब कभी-कभी किसी सब्जी वाली या किसी वेश्यालय की महिला से भी शादी कर लेते थे. अफ़्रीकी मूल की घुँघराले बालों वाली काली लड़कियाँ भी उनकी पत्नियाँ बनीं, कुछ निजी सुरक्षा दस्तों में भी शामिल थीं. पत्नियों की इस भीड़ में खींचतान, तकरार, बेवफाई के किस्सों का सिलसिला है. 

आठ साल की उम्र में बनाए संबंध  

वाजिद अली शाह ने अपनी किताब 'परीखाना' में लिखा है कि '8 साल की उम्र में रहिमन नाम की एक अधेड़ उम्र की महिला ने उन्हें पहली बार एक पुरुष और एक महिला के बीच के रिश्ते का एहसास कराया. वाजिद अली शाह ने कुल 60 किताबें लिखी थीं. वह एक महान लेखक भी थे. 'बाबुल मोरा नैहर छूटो जाए' जैसी रचनाएँ यह सिद्ध करती हैं. 

गिरफ्तारी की वजह बनी नवाब की जूतियां

नवाब वाजिद अली शाह को बहुत आलसी नवाब कहा जाता था, वो ऐसे नवाब थे जिन्हें अपने खजाने की बिल्कुल भी परवाह नहीं थी. वह इतने आलसी थे कि जब ईस्ट इंडिया कंपनी के सैनिक उसे गिरफ्तार करने पहुंचे तो वह इस इंतजार में रहे कि कोई नौकर आकर उनको जूते पहनाएगा और फिर वह अपनी जगह से भागेंगे. First Updated : Sunday, 22 October 2023