इस देश में नहीं गुम होती कोई वस्तु, जानें इस अनोखे जगह की कहानी

अजीबोगरीब: प्रत्येक दिन भाग दौड़ वाली जिन्दगी में इंसान के हाथ से कई तरह की चीजें खो जाती है. जिसके बाद उसका मिलना बहुत मुश्किल होता है. मगर एक ऐसा देश जहां वस्तु खोने पर चिंन्ता नहीं की जाती है.

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अजीबोगरीब: जापान एक ऐसा देश है जिसकी चर्चा हर देश करता है. इस देश की खासियत ये है कि यहां से बहुत सारे वैज्ञानिक बहुत तरह की खोज करते हैं. जापान में सफाई के साथ अधिक अनुशासन भी है. जापान की कई टेक्निकल चीजें हमें हैरान करने पर मजबूर कर देती है. ऐसी ही एक अनोखी जानकारी मिल रही है कि जापान में खोया सामान तुरंत ही मिल जाता है. देशभर में अधिकतर जगहों पर अगर आपका पर्स व मोबाईल खो जाता है तो मिलने की उम्मीद ही नहीं रहती है. मगर जापान में ऐसा नहीं होता है.

जापान का मजबूत तंत्र 

मिली जानकारी के मुताबिक जापान की टैक्सी में अगर आपका फोन छुट जाए तो आप चिन्ता न करें. पर्स में चाहे जितने रुपए हो तब भी आपको ये आसानी से मिल जाएगा. प्रत्येक साल 12.6 करोड़ जापानी अपना कोई ना कोई सामान खोते रहते हैं मगर अधिकतर चीजें मिल ही जाती हैं. इसके लिए जापान का तंत्र बहुत मजबूती से काम करता है. बता दें कि जापान का एक सिस्टम ऐसे काम करता है जिसके बारे में सुन कर दुनिया के लोग अचंभित हो सकते हैं.

इस काम का श्रेय पुलिस की बनी केबिन जैसे जगह का है जहां छोटे से एक या दो कमरे के घर में जापान की कानून लागू करने वाली सामुदायिक आधारित प्रवृत्ति का है. दरअसल इसका नाम कोबन है, जो बहुत सफल है. इसके अंदर जापान में 6300 कोबन व छोटे पुलिस स्टेशन मौजूद हैं.  

41 लाख गुमशुदा चीजें मिली

जापान की राजधानी टोक्यो में अधिक भीड़ भाड़ देखा जाता है. इस भीड़ वाले इलाके में साल 2018 में लगभग 41 लाख गुमशुदा चीजें पुलिस के हाथ लगी. रिकॉर्ड के अनुसार पिछले कुछ सालों के अंदर लगभग 3 चौथाई मामलों में लोगों की चीजें वापस कर दी गई है. टोक्यो के सारे बड़े अधिकारी कोबन में अपनी रिपोर्ट में मिली हुई गुमशुदा वस्तु को लाने वाले की जानकारी का पूरा रिकॉर्ड लिख कर रखते हैं.

जबकि मिली हुई वस्तु को टोक्यो मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग को भेजा जाता हैं. वहां ले जाकर इसको लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर के अंदर रख दिया जाता है. इस तरह की प्रक्रिया बहुत सालों से चलती आ रही है. इसलिए इस देश में खोई हुई वस्तु आसानी से लोगों के हाथ लग जाती है. First Updated : Thursday, 21 March 2024