कनाडा में फिर भारतीयता से खिलवाड़, महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति पर लगाया गया फिलिस्तीनी झंडा-Video
Viral Video: इंटरनेट पर कनाडा का एक वीडियो बड़ी तेजी से सुर्खियों का विषय बना हुआ है. इस वीडियो में कुछ फिलिस्तीनी उपद्रवियों द्वारा महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति पर फिलिस्तीन का झंडा लगाते हुए देखा जा रहा है. वहीं दोनों युवकों ने अपने मुंह ढके हुए हैं.
Viral Video: सोशल मीडिया पर कनाडा का एक वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें कुछ लोग महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा से छेड़छाड़ से करते हुए दिखाई दे रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, यह वीडियो कनाडा के ब्रैंपटन का है जहां कुछ फिलिस्तीनी उपद्रवियों ने महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति पर फिलिस्तीन का झंडा लगा दिया है. इस पूरी घटना का वीडियो इंटरनेट पर चर्चा का विषय बना हुआ है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वायरल हो रहे वीडियो में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति पर छड़कर दो लोग फिलिस्तीन का झंडा उनके घोड़े पर लगाते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं दोनों युवकों ने अपने मुंह ढके हुए हैं और नीचे कई व्यक्ति खड़े हुए नजर आ रहे हैं. साथ ही एक व्यक्ति किसी कपड़े से महाराजा रणजीत सिंह के घोड़े पर कपड़ा बांधता हुआ दिखाई दे रहा है.
घटनाक्रम का कई लोगों ने बनाया वीडियो
इस बीच पूरे घटनाक्रम कक कई लोगों ने वीडियो भी रिकॉर्ड किया है. वहीं इस पूरे मामले की शिकायत कनाडा की पील पुलिस को दी जा चुकी है. अब इस पर कनाडाई पुलिस की ओर से भी जांच जारी है. फिलहाल मामले में किसी प्रकार का बयान नहीं जारी किया गया है.
Shocking and sad..
— Dinesh (@FactswithDinesh) September 28, 2024
Maharaja ranjit Singh, a great king from Sikh community has been defaced in Canada..
Such a sad incident took place in Canada, Canada is become hub of terr0rism..
Let's see howthose who want khalistan will react on this att@ck..#Canada #khalistan pic.twitter.com/ofFEej7lLv
कौन थे महाराजा रणजीत सिंह ?
महाराजा रणजीत सिंह भारतीय और सिख इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व हैं. उनका जन्म 13 नवंबर 1780 को पंजाब के गुजरांवाला में हुआ था. उन्होंने मात्र 10 साल की उम्र में अपना पहला युद्ध लड़ा और 12 साल की उम्र में अपने पिता की मृत्यु के बाद राजगद्दी संभाली. 18 साल की उम्र में उन्होंने लाहौर पर विजय प्राप्त की और 40 वर्षों तक अपने शासन में अंग्रेजों को अपने साम्राज्य के निकट आने नहीं दिया.
20 वर्ष में हुई थी ताजपोशी
उनकी ताजपोशी 12 अप्रैल 1801 को हुई, जब वे 20 वर्ष के थे. इसके बाद, 1802 में उन्होंने अमृतसर पर कब्जा किया और 1807 में अफगानी शासक कुतुबुद्दीन को हराकर कसूर भी अपने साम्राज्य में शामिल किया. 1818 में उन्होंने मुल्तान पर और 1819 में कश्मीर पर विजय प्राप्त की। महाराजा रणजीत सिंह का निधन 27 जून, 1839 को हुआ था.