'फोन बंद, रास्ता खो गया... लेकिन एक अजनबी ने दिल जीत लिया!'

बेंगलुरु में एक महिला ने एक अजनबी से मिली मदद की अनोखी कहानी शेयर की। जब उसका फोन बंद हो गया और वह पूरी तरह से खो गई, एक स्कूटर वाले अंकल ने न सिर्फ उसे रास्ता बताया, बल्कि अपना चार्जर भी दे दिया। उसकी मदद से महिला ने एक डोसा दुकान पर फोन चार्ज किया और अपने रास्ते पर लौट आई। जानिए क्या हुआ उस रात? पढ़ें पूरी कहानी!

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Edited By: Aprajita

Stranger Saved the Day: बेंगलुरु में एक महिला का अनुभव हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें दिखाया गया कि एक अजनबी की छोटी सी मदद ने उसकी पूरी रात को एक सकारात्मक अनुभव में बदल दिया। यह कहानी रेडिट पर शेयर की गई और अब यह एक प्रेरणा बन चुकी है कि कैसे एक साधारण सी मदद किसी के लिए जीवन बदल सकती है।

एक बड़ा दिल रखने वाला अनजान व्यक्ति

यह महिला बेंगलुरु में एक इंटर्नशिप के लिए आई थी और कुछ ही दिन पहले शहर में आई थी। एक शाम वह अपनी दोस्त के साथ इंदिरानगर के ट्रफल्स में डिनर कर रही थी। डिनर के बाद वह युलु बाइक से वापस लौट रही थी, लेकिन उसके पास केवल 13-15 किलोमीटर की बैटरी बची थी। उस पर, उसका फोन 30-40% बैटरी होते हुए भी अक्सर बंद हो जाता था, जो कि अब समस्या बन चुका था।

एक अजनबी का सहारा

करीब 10:30 बजे रात, जब उसका फोन बीच सड़क पर बंद हो गया, तो वह पूरी तरह से खो गई थी और नहीं समझ पा रही थी कि अब क्या करें। उसी समय, उसके पास एक अंकल अपने स्कूटर पर खड़े थे। उसने उन्हें एचएसआर लेआउट का रास्ता पूछा, लेकिन उस अजनबी ने न केवल दिशा बताई, बल्कि उसकी मदद करना भी शुरू कर दिया।

अजनबी की मदद

उस अंकल ने अपना चार्जिंग केबल निकाला और फोन को चार्ज करने की कोशिश की, लेकिन यह काम नहीं किया। फिर उन्होंने अपना एडाप्टर उसे दे दिया और कहा, “लो बेटा, इसे ले जाओ और कहीं अपना फोन चार्ज कर लो। मैं इसे कल तुम्हारे ऑफिस से ले लूंगा।”

यह देखकर महिला दंग रह गई, लेकिन उसकी मदद यहीं खत्म नहीं हुई।

डोसा दुकान पर एक और सहारा

वह पास की एक डोसा दुकान में गई और पूछा कि क्या वह अपना फोन वहां चार्ज कर सकती है। दुकान के मालिक ने बिना किसी हिचकिचाहट के उसकी मदद की। उसने अपना फोन थोड़ा चार्ज किया और फिर युलु राइड खत्म कर अपने पीजी तक पहुंच गई।

शहर से प्यार

महिला ने अपने पोस्ट के अंत में उस दयालु अजनबी और डोसा दुकान के मालिक का धन्यवाद किया। उसने कहा कि भले ही वह बेंगलुरु में कुछ ही दिन से है, लेकिन उसे शहर से जुड़ी अपनी पहली यादें बेहद सकारात्मक मिली हैं। 'यह शहर लोगों की मदद और दयालुता से भरा हुआ है,' उसने कहा। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी छोटी सी मदद भी किसी का दिन बना सकती है और मुश्किल समय को आसान बना सकती है।

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15 January 2025, 07:08 PM IST

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