Viral Video: प्रिंसिपल बना हिटलर, लेट आने पार बाबू की जूते से की पिटाई

Viral Video: हाथरस के एक कॉलेज में प्रिंसिपल और बाबू के बीच हुई एक हैरान कर देने वाली झड़प का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में प्रिंसिपल साहब ने बाबू की ऐसी पिटाई की कि देखने वाले भी हैरान रह गए. विवाद का कारण था कॉलेज में बाबू की लेट एंट्री और अटेंडेंस को लेकर हुआ टेंशन. झगड़ा इतना बढ़ा कि प्रिंसिपल ने बाबू को जूते से पीटना शुरू कर दिया! क्या है पूरा मामला और क्यों वायरल हो रहा है यह वीडियो जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

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Viral Video: हाथरस जिले के एक कॉलेज में हुई हैरान करने वाली घटना ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है. यहां के GS कॉलेज में प्रिंसिपल और बाबू के बीच जबरदस्त झगड़ा हुआ, जिसमें प्रिंसिपल ने बाबू को जूतों से पीट डाला. यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.

अटेंडेंस के विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

दरअसल ये पूरा मामला मुरसान कोतवाली क्षेत्र के जीएस कॉलेज का है, जहां कॉलेज के बाबू नैन कमल अग्रवाल और प्रिंसिपल कैलाश चंद के बीच अटेंडेंस को लेकर विवाद हो गया. 26 अक्टूबर को बाबू ऑफिस में 5 मिनट देर से पहुंचे थे, जिससे नाराज होकर प्रिंसिपल ने उनका नाम अटेंडेंस रजिस्टर में अनुपस्थित (एबसेंट) कर दिया.

बाबू ने इसका विरोध किया, जिस पर दोनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई. इस बहस के बाद गुस्साए प्रिंसिपल ने पहले तो बाबू को चांटे मारे और फिर जूते निकाल कर उसकी धुनाई कर दी. इस पूरी घटना के दौरान प्रिंसिपल लगातार बाबू को गालियां दे रहे थे. दोनों के बीच यह झगड़ा इतना बढ़ गया कि कॉलेज के अन्य स्टाफ को बीच-बचाव करना पड़ा.

वायरल हुआ वीडियो

इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि प्रिंसिपल कैसे बाबू की पिटाई कर रहे हैं. यह दृश्य देखकर लोग हैरान हैं और वीडियो पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. एक यूजर ने सवाल उठाया, 'इस आदमी को प्रिंसिपल किसने बनाया?' वहीं दूसरे यूजर ने लिखा, 'यह प्रिंसिपल क्या बच्चों को शिष्टाचार सिखाता होगा, जिसमें खुद तमीज नहीं है.' कुछ यूजर्स ने तो यह भी लिखा कि उन्हें लगा कि पिटाई खा रहा व्यक्ति प्रिंसिपल है, न कि बाबू.

वीडियो को ट्विटर पर @gharkekalesh नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है और अब तक इसे 1 लाख 63 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है. इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है और लोग इसे लेकर अपनी नराजगी जाहिर कर रहे हैं.

किसकी गलती, किसकी सजा?

यह पूरी घटना इस बात पर सवाल उठाती है कि क्या कॉलेज जैसे शैक्षिक संस्थानों में इस तरह के व्यवहार की अनुमति होनी चाहिए? क्या प्रिंसिपल को इस तरह अपने गुस्से को काबू में रखना चाहिए था? और क्या बाबू के लिए कोई और तरीका नहीं था अपने अधिकारों की रक्षा करने का? इस तरह की घटनाएं केवल उन संस्थाओं की प्रतिष्ठा को ही नुकसान नहीं पहुंचातीं, बल्कि यह भी सवाल उठाती हैं कि क्या शिक्षा और संस्कार की जिम्मेदारी सिर्फ छात्रों तक सीमित है, या फिर शिक्षकों और प्रशासन के लिए भी यह उतना ही जरूरी है. आखिरकार, एक शिक्षण संस्थान में इस तरह की हिंसा का होना किसी भी हाल में उचित नहीं ठहराया जा सकता. अब यह देखना होगा कि इस मामले में कॉलेज प्रशासन और शिक्षा विभाग क्या कार्रवाई करता है. First Updated : Monday, 11 November 2024