Sawan Special: आखिर क्यों सोमवार को ही की जाती है भगवान भोलेनाथ की पूजा, जानें इसके पीछे की रोचक कथा
Why Lord Bholenath is worshiped only on Monday: सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है. सावन के महीने में भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का व्रत रखते हैं. लेकिन क्या आपके मन में कभी ये सवाल आया है कि, क्यों सोमवार के दिन ही भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए चुना गया है? अगर नहीं तो चलिए इसके पीछे की रोचक वजह जानते हैं.
Sawan Special: दरअसल, सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करने की परंपरा काफी पुरानी है. इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं है जिनके माध्यम से आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे तो चलिए जानते हैं.
हिंदू धर्म में भगवान भोलेनाथ को त्रिदेव कहा जाता है यानी कि तीनों लोकों के दाता भगवान भोलेनाथ को एक विशेष स्थान दिया जाता है. सप्ताह में सात दिन होते हैं और हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी भगवान की पूजा और व्रत के लिए समर्पित हैं. कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ बहुत भोले है वह अपनी भक्तों की पुकार जल्दी सुन लेते हैं इसलिए जो भी भक्त सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा सच्चे मन से करता है उसकी हर इच्छा पुरी हो जाती है.
क्यों सोमवार का दिन ही भोलेनाथ को पसंद है-
56 कोटि देवी देवताओं की पूजा और व्रत को लेकर कई नियम और समय निर्धारित है. जहां अगर हम भगवान भोलेनाथ की पूजा की बात करें तो वे नियम और विधान से अलग है लेकिन फिर भी कहा जाता है कि उन्हें बिल्व-पत्र और धतूरा बेहद प्रिय है. सावन का महीना शुरु हो गया है ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल आ रहे हैं कि अगर भोलेनाथ सभी नियमों से परे हैं फिर उन्हें सोमवार का दिन क्यों पसंद है? तो चलिए इस सवाल का जवाब जानते हैं.
आखिर सोमवार को ही क्यों की जाती है भगवान भोलेनाथ की पूजा-
सोम का अर्थ होता है सौम्य और चंद्र देव और सोम देव भगवान भोलेनाथ को अपना देवता मानते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार इसके सोमवार को भगवान भोलेनाथ की पूजा करने के पीछे पहला कारण ये है कि चंद्र देव ने भगवान शिव की आराधना सोमवार के दिन ही की थी, सोमवार को चंद्रमा ने भगवान भोलेनाथ की पूजा की थी जिससे उन्हें निरोगी काया मिली. इसलिए इस दिन ही भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है.
इसका दूसरा कारण यह है कि भगवान भोलेनाथ को बेहद सौम्य और शांत देवता माना जाता है हालांकि वे अत्यंत क्रोधी भी है लेकिन अपने चित की इस अवस्था से परे भगवान शिव बेहद शांत और भोले भाले है. यही कारण है कि वे अपने भक्तों से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं.
भोलेनाथ के सरल और सहज होने के कारण भी उनकी पूजा सोमवार को की जाती है. शिव का एक रूप सोमनाथ भी है जो द्वादश ज्योर्तिलिंग में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. इसलिए आप भगवान के इस रूप से इस दिन को जोड़ सकते हैं.
मान्यता है कि सोमवार को शिवलिंग पर बिल्व-पत्र, भांग, धतूरा अर्पित करने पर भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी करते हैं. कुछ धार्मिक लोगों का ये भी मानना है कि सोमवार में ऊँ है और भोलेनाथ को ऊँ का स्वरूप कहा जाता है. इसलिए इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है.