एक नहीं ताजमहल में दफन हैं शाहजहाँ की चार बेगम, मुमताज को लेकर..

Shah Jahans wife Mumtaj : मुगल बादशाह शाहजहॉं की बेगम की कब्र आगरा में बने ताजमहल में दफन है. मुमताज के अलावा शाहजहॉं की 3 अन्य बेगमों की कब्र भी ताजमहल में ही दफन है.

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Shah Jahan's wife Mumtaj : ताजमहल. प्यार की खूबसूरत निशानी. एक बादशाह ने अपनी बेगम की याद में ताजमहल बनवा दिया. ताजमहल का नाम तो आप सब ने सुना ही होग. मुगल साम्राज्य के पॉंचवे सम्राट शाहजहाँ ने ताजमहल को बनवाया था. ताजमहल के नीचे मुमताज की कब्र है. ताजमहल में सिर्फ मुमताज की ही नहीं बल्की शाहजहाँ की 3 अन्य बेगमों की भी कब्र दफन है. 

मुमताज के अलावा ताजमहल में शाहजहाँ की तीन अन्य पत्नियों की कब्रों को भी दफनाया गया है. ताजमहल के जिस कोने में कब्रे दफनाई गई हैं, उस इलाके में सैलानियों का प्रवेश वर्जित है. 


किस तरफ दफन है चारों बेगमों की कब्रें

ताजमहल के पूर्वी गेट से एंट्री करने पर लेफ्ट साइड अकबराबादी महल बेगम का मकबरा है. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के अनुसार अकबराबादी बेगम का असली नाम इजुन्निसा बेगम था. इजुन्निसा को सरहिंदू बेगम के नाम से भी जाना जाता है. सरहिंदू बेगम ने दिल्ली में एक मस्जिद भी बनवाई थी.

ताजमहर के पश्चिमी गेट से एंट्री कर राइट साइड मुड़ने पर फतेहपुरी महल बेगम का मकबरा है. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के अनुसार फतेहपुरी बेगम शाहजहां की पत्नी थीं. फतेहपुरी बेगम ने फतेहपुरी मस्जिद बनवाई थी. 

ताजमहल के पूर्वी गेट से एंट्री करके दशहरा घाट की तरफ जाने वाले मार्ग पर कंधारी बेगम की कब्र है. 

साल में एक बार ही आम सैलानियों के लिए मुमताज की कब्र खोली जाती है. इस दिन सैलानियों को मुमताज का मकबरा देखने की अनुमति होती है. 

मुगल बादशाह शाहजहां का उर्स रजब माह की 25, 26 व 27 तारीख को मनाया जाता है. उर्स में ही ताजमहल के तहखाने में शाहजहां व मुमताज के मकबरे को खोला जाता है. पहले दिन दोपहर दो बजे गुस्ल की रस्म होती है. तो, दूसरे दिन दोपहर के 2 बजे संदल चढ़ाया जाता है. वहीं, तीसरे दिन पूरे दिन चादरपोशी व गुलपोशी चढ़ाए जाते हैं. First Updated : Wednesday, 28 June 2023