Pakistan: पाकिस्तान से एक खौफनाक वीडियो सामने आया है, जिसने हर किसी को हिला दिया है. इस वीडियो में एक हिंदू अल्पसंख्यक व्यक्ति को गैंगस्टरों द्वारा अपहृत और प्रताड़ित किया जा रहा है. इन गैंगस्टरों ने पुलिस पर दबाव डालने के लिए इस निर्दोष व्यक्ति को बंधक बना लिया, ताकि वे अपने एक सदस्य को रिहा करा सकें. यह घटना पाकिस्तान के सिंध प्रांत में घटित हुई है, जो हाल के दिनों में कई सामाजिक और धार्मिक मुद्दों को लेकर चर्चा में रहा है.
क्या है पूरा मामला?
इस वीडियो में दिखाया गया है कि बहुसंख्यक समुदाय के गैंगस्टरों ने हिंदू समुदाय के एक व्यक्ति को पकड़कर पुलिस से अपने एक साथी को रिहा कराने के लिए दबाव डालने की कोशिश की. इस दबाव को बढ़ाने के लिए गैंगस्टर ने भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी लिया, ताकि उन्हें उनके मंशा के अनुरूप परिणाम मिले. वीडियो में दिख रही सख्त प्रताड़ना और घृणा को देखकर यह साफ है कि यह एक सुनियोजित और डराने वाली योजना का हिस्सा था.
वीडियो में व्यक्ति को बदहाल स्थिति में दिखाया जा रहा है और वह जान बचाने के लिए गैंगस्टरों से किसी भी कीमत पर अपनी रिहाई की उम्मीद कर रहा है. गैंगस्टरों ने उसे पीट-पीटकर यह समझाने की कोशिश की कि वह उनका आदेश माने और भारतीय राजनीति का हवाला देकर दबाव बनाने की कोशिश की.
सिंध में बढ़ती धार्मिक हिंसा एक गंभीर संकेत
यह घटना सिंध प्रांत में एक बढ़ती हुई धार्मिक असहिष्णुता और अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ते खतरों का स्पष्ट उदाहरण है. पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पहले से ही अत्यधिक दबाव में है और ऐसे वीडियो यह दिखाते हैं कि उनका जीवन कितना मुश्किल और असुरक्षित हो चुका है. सिंध में पिछले कुछ वर्षों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कई हमले हुए हैं. जबकि पाकिस्तान सरकार इस तरह की घटनाओं की निंदा करती है, वास्तविकता यह है कि घटनाओं की बढ़ती संख्या और कानून-व्यवस्था की कमजोर स्थिति ने अल्पसंख्यकों को और भी अधिक असुरक्षित बना दिया है.
भारत और मोदी का नाम घसीटना
गैंगस्टरों द्वारा भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेना पाकिस्तान में घरेलू राजनीति का एक हिस्सा बन चुका है. पाकिस्तान में कई बार आरोप लगाया गया है कि भारत और मोदी पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं. यह वीडियो भी इस मानसिकता को बढ़ावा देता है, जिसमें भारतीय प्रभाव को दोषी ठहराया जाता है, जबकि असल मुद्दा पाकिस्तान के अंदर धार्मिक असहमति और कानून की असफलता है. First Updated : Wednesday, 20 November 2024