काम पूरा नहीं करने पर कुत्ता बना दिया... क्या यह सच में उत्पीड़न था या बस एक साजिश? जानिए केरल के वायरल वीडियो की सच्चाई!
केरल के पेरुंबवूर में एक वायरल वीडियो ने हंगामा मचाया, जिसमें कर्मचारियों को अपमानित करते हुए दिखाया गया. लेकिन अब सामने आया है कि यह घटना कार्यस्थल पर उत्पीड़न नहीं बल्कि दो कर्मचारियों के बीच की व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम थी. क्या यह सच में साजिश थी या कुछ और? इस वीडियो के लीक होने के बाद अब मामले की जांच की जा रही है. जानें पूरी सच्चाई और जानिए क्या है इस विवाद के पीछे का रहस्य!

Viral Video: हाल ही में केरल के पेरुंबवूर से एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक कर्मचारी को पट्टे से बांधकर फर्श पर रेंगते हुए और दूसरे कर्मचारी को सिक्के चाटते हुए दिखाया गया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही हंगामा मच गया और कई लोगों ने इसे कार्यस्थल पर उत्पीड़न का मामला मान लिया. इसके बाद केरल सरकार ने श्रम विभाग को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया.
कर्मचारी के बीच व्यक्तिगत मतभेद या कार्यस्थल पर उत्पीड़न?
वीडियो के वायरल होने के बाद, कंपनी ने इस मामले पर सफाई दी और कहा कि यह कोई उत्पीड़न नहीं था बल्कि एक सुनियोजित प्रयास था कंपनी को बदनाम करने का. कर्मचारियों के एक समूह ने दावा किया कि यह वीडियो एक पूर्व प्रबंधक मनाफ़ ने रिकॉर्ड किया था जो अब कंपनी से हट चुका है. उनका कहना था कि मनाफ़ ने यह वीडियो 'प्रशिक्षण उद्देश्य' के लिए लिया था लेकिन बाद में इसे लीक कर दिया.
A video has surfaced which shows underperforming employees of a private marketing firm in Kerala's Kochi being subjected to inhuman treatment, including making them walk on their knees like chained dogs for not meeting their targets. #Kerela #Kochi #MarketingFirm pic.twitter.com/z7QpZiXU7s
— Priyathosh Agnihamsa (@priyathosh6447) April 6, 2025
वीडियो में दिखाई दे रही घटनाओं के बारे में बताया गया कि एक कर्मचारी को पट्टे से बांधकर फर्श पर रेंगने के लिए कहा गया था, जबकि दूसरे को फर्श से सिक्के चाटने के लिए मजबूर किया गया था. इस दौरान कुछ कर्मचारियों को कपड़े उतारने के लिए भी कहा गया. इन सबके बीच, उनके साथ मजाक उड़ाते हुए अन्य लोग दिखे. हालांकि श्रम विभाग की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि यह घटना कार्यस्थल पर उत्पीड़न का मामला नहीं थी बल्कि दो व्यक्तियों के बीच के 'व्यक्तिगत मतभेद' का परिणाम थी.
मनाफ़ की व्यक्तिगत दुश्मनी और कंपनी को बदनाम करने की साजिश
कर्मचारी ने बताया कि मनाफ़ ने यह वीडियो तब रिकॉर्ड किया था जब वरिष्ठ प्रबंधक उबैल छुट्टी पर थे. मनाफ़ की उबैल से व्यक्तिगत दुश्मनी थी और यही वजह थी कि उसने यह वीडियो लीक किया. इस वीडियो के लीक होने के बाद कंपनी ने मनाफ़ को नौकरी से निकाल दिया था. एक अन्य कर्मचारी ने कहा कि वह मनाफ़ के खिलाफ पुलिस से संपर्क करने की योजना बना रहा है.
मानवाधिकार आयोग का हस्तक्षेप
केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, उच्च न्यायालय के वकील कुलथूर जयसिंह द्वारा दायर शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है. अब इस मामले में आगे की जांच की जा रही है, ताकि सच्चाई सामने आ सके.
क्या यह एक साजिश थी?
यह मामला अब सिर्फ एक वायरल वीडियो तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह सवाल उठाता है कि क्या यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था? क्या कुछ व्यक्तिगत कारणों की वजह से किसी को बदनाम करने की कोशिश की गई? इन सवालों का जवाब तो जांच के बाद ही मिलेगा, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने कार्यस्थल पर उत्पीड़न और व्यक्तिगत संबंधों के बीच के महीन अंतर को भी उजागर किया है.