4531 हीरे और 60 टन सोना! भारत के पड़ोस में चमक रही दुनिया की सबसे बड़ी सोने से बनी इमारत
Shwedagon Pagoda: दुनिया में कई भव्य इमारतें हैं, लेकिन एक ऐसी संरचना भी है जो पूरी तरह से सोने से ढकी हुई है. इसे पृथ्वी की सबसे बड़ी स्वर्ण-आवृत इमारत माना जाता है. इस इमारत में हजारों हीरे जड़े हुए हैं, जिनमें एक 72 कैरेट का हीरा भी शामिल है.

Shwedagon Pagoda: दुनिया में भव्यता की प्रतीक कई इमारतें हैं, लेकिन क्या आपने कभी किसी ऐसी इमारत के बारे में सुना है जो पूरी तरह से सोने से ढकी हो? भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में एक ऐसी अद्भुत संरचना मौजूद है, जिसे पृथ्वी की सबसे बड़ी स्वर्ण-आवृत इमारत माना जाता है. इसमें हजारों की संख्या में हीरे भी जड़े हुए हैं और इसकी चमक आज भी उतनी ही चकाचौंध करती है, जितनी सदियों पहले हुआ करती थी.
इस इमारत की खास बात यह है कि इसमें बीते कई शताब्दियों से सोना चढ़ाया जा रहा है. बौद्ध श्रद्धालुओं, राजाओं और स्थानीय नागरिकों ने इसमें अपनी आस्था और भक्ति के प्रतीकस्वरूप सोना अर्पित किया है. आइए जानते हैं इस अद्भुत और दिव्य स्मारक के बारे में विस्तार से.
दुनिया की सबसे बड़ी सोने की इमारत
म्यांमार की राजधानी यांगून में स्थित श्वेडागोन पैगोडा को दुनिया की सबसे बड़ी सोने से ढकी इमारत माना जाता है. 112 मीटर यानी लगभग 367 फीट ऊंची यह संरचना पूर्णतः सोने की परतों से ढकी हुई है. स्थानीय ट्रैवेल गाइड्स के मुताबिक, इस पैगोडा में 6 से लेकर 60 टन तक सोना लगा हो सकता है. हालांकि इसका सटीक आंकड़ा नहीं बताया जा सकता क्योंकि यह सोना धीरे-धीरे सदियों के दौरान जोड़ा गया है.
युद्ध के बीच कोई असर
म्यांमार में बीते चार वर्षों से गृहयुद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है, लेकिन श्वेडागोन पैगोडा पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. यह अब भी उसी भव्यता और श्रद्धा के साथ खड़ा है, जैसे सैकड़ों वर्षों पहले था. यह तथ्य इस पवित्र स्थल की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता को और भी मजबूत करता है.
जड़े गए 4531 हीरे
पैगोडा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, यह म्यांमार का सबसे पवित्र बौद्ध स्थल है. इसकी सतह सोने की प्लेटों से ढकी है और इसके शिखर पर 4531 हीरे जड़े गए हैं. इनमें से एक हीरा 72 कैरेट का है, जो इसकी भव्यता में चार चांद लगाता है. यह केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि स्थापत्य कला का अद्वितीय उदाहरण भी है.
यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त
यूनेस्को ने इस ऐतिहासिक स्थल को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया है. यह स्थान 46 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैला है और इसमें मंदिर, मूर्तियां, घंटियां, तीर्थस्थल तथा चार मुख्य सीढ़ियां शामिल हैं. इसकी वास्तुकला प्राचीन हिंदू-बौद्ध ब्रह्मांड सिद्धांतों पर आधारित है.
श्वेडागोन पैगोडा का महत्व
श्वेडागोन पैगोडा की मुख्य संरचना एक विशाल ईंट के चबूतरे पर खड़ी है, जो पूरी तरह से असली सोने से ढका हुआ है. श्रद्धालु इस स्तूप के चारों ओर दक्षिणावर्त घूमते हैं, जो परंपरा और आस्था का प्रतीक है. इसकी चमक, इसकी परंपरा और इसकी आध्यात्मिकता, तीनों इसे संसार के सबसे अद्वितीय धार्मिक स्थलों में से एक बनाते हैं.


