स्मार्टनेस या जोखिम? यूट्यूब देखकर खुद ही पेट का कर लिया ऑपरेशन
वृंदावन के 32 वर्षीय राजा बाबू ने यूट्यूब पर एक वीडियो देखने के बाद अपने पेट की सर्जरी करने का एक चौंकाने वाला प्रयोग किया. इस युवक ने सोशल मीडिया साइट यूट्यूब की मदद से अपनी सर्जरी खुद ही की. हां, आपने उसे सही पढ़ा है. इस व्यक्ति को पहली बार यूट्यूब पर पेट की सर्जरी करने का तरीका पता चला. इसके बाद उन्होंने वीडियो को कई बार देखा.

आजकल सोशल मीडिया लोगों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. लोगों का आधे से अधिक समय सोशल मीडिया पर सर्फिंग में व्यतीत होता है. अगर उन्हें कोई जानकारी चाहिए होती है तो लोग सीधे गूगल बाबा के पास जाते हैं. इसके अलावा, लोग मनोरंजन और ज्ञान के लिए इंटरनेट पर बहुत अधिक निर्भर रहने लगे हैं. लेकिन, मथुरा के वृंदावन में रहने वाले एक युवक ने इस मामले में सबको पीछे छोड़ दिया है.
इस युवक ने सोशल मीडिया साइट यूट्यूब की मदद से अपनी सर्जरी खुद ही की. हां, आपने उसे सही पढ़ा है. इस व्यक्ति को पहली बार यूट्यूब पर पेट की सर्जरी करने का तरीका पता चला. इसके बाद उन्होंने वीडियो को कई बार देखा. जब उन्हें यकीन हो गया कि उन्होंने सभी चरण याद कर लिए हैं, तो उन्होंने ब्लेड उठाया और पेट को चीरकर सर्जरी शुरू कर दी. इसके बाद उसके पेट पर ग्यारह टांके भी लगाए गए. लेकिन जल्द ही उसकी हालत बिगड़ने लगी तो उसने मदद के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया.
वृंदावन के सुनरख का रहने वाला
पेट दर्द से पीड़ित यह युवक वृंदावन के सुनरख का रहने वाला है. 32 वर्षीय इस व्यक्ति का नाम राजाबाबू है. वह कई दिनों से पेट दर्द से पीड़ित था. कुछ वर्ष पहले उनकी अपेंडिक्स की सर्जरी हुई थी. इसके बाद से उन्हें लगातार पेट दर्द की समस्या बनी रही. यहां तक कि डॉक्टर भी इस दर्द का कारण नहीं बता सके. ऐसी स्थिति में जब सारी दवाइयां बेअसर साबित हुईं तो राजाबाबू ने खुद ही सर्जरी कराने का फैसला किया. बीबीए की डिग्री प्राप्त इस युवक ने सर्जरी के लिए यूट्यूब की मदद ली.
यूट्यूब पर पेट की सर्जरी करने का तरीका
पहली बार यूट्यूब पर पेट की सर्जरी करने का तरीका जाना. फिर, उन्होंने सर्जरी के लिए आवश्यक चीजों की एक सूची बनाई और उन्हें मेडिकल स्टोर से खरीद लिया. युवक ने ब्लेड, बेहोशी की दवा, सुइयां और टांके लगाने के लिए प्लास्टिक की डोरियां खरीदीं. इसके बाद बुधवार को घर पर ही उनकी सर्जरी शुरू हुई. पहले तो उन्हें एनेस्थेटिक इंजेक्शन से कोई दर्द महसूस नहीं हुआ. इस स्थिति में उन्होंने पेट को चीरकर खोला और फिर उसमें टांके लगा दिए. लेकिन जब दवा का असर खत्म हो गया तो वह दर्द से चीखने लगा. उसे जिला संयुक्त चिकित्सालय ले जाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने उसे आगरा एसएन अस्पताल रेफर कर दिया.