स्वामी रामभद्राचार्य का तीखा वार: क्या बाल संत अभिनव का दावा है महज मजाक

एक वायरल वीडियो में स्वामी रामभद्राचार्य ने युवा संत अभिनव अरोड़ा को भगवान श्री कृष्ण के साथ पढ़ाई का दावा करने पर डांटा. उन्होंने कहा कि ऐसा कहना आस्था के साथ खिलवाड़ है. सोशल मीडिया पर इस घटना पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं. क्या ये दावे सच में गंभीर मुद्दा हैं जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें!

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Swami Rambhadracharya Sharp Attack: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें स्वामी रामभद्राचार्य ने युवा संत अभिनव अरोड़ा को सार्वजनिक मंच पर डांटते नजर आ रहे हैं. यह घटना उस समय की है जब अभिनव, जो एक 10 साल का बच्चा है, मंच पर आकर भगवान श्री कृष्ण के साथ पढ़ाई करने का दावा कर रहा था. स्वामी जी ने इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और अभिनव को मूर्ख कहा.

अभिनव अरोड़ा को कई लोग बाल संत के रूप में पहचानते हैं और उनकी वीडियो पोस्ट सोशल मीडिया पर अक्सर चर्चा का विषय बनती हैं. इस वायरल वीडियो में, स्वामी रामभद्राचार्य ने अभिनव को मंच से उतारने के लिए अपने सेवकों को भी निर्देश दिया. उनके अनुसार, अभिनव का यह व्यवहार अनुचित था और उन्होंने कहा कि 'क्या भगवान कृष्ण उसके साथ पढ़ेंगे?' यह सवाल उनके दावों पर सीधा निशाना है.

स्वामी रामभद्राचार्य की प्रतिक्रिया

मीडिया से बात करते हुए, स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि अभिनव बहुत मूर्ख लड़का है. उन्होंने आगे कहा कि अभिनव की बातें इतनी असंगत हैं कि किसी को भी समझ में नहीं आतीं. स्वामी जी ने कहा कि पहले भी उन्होंने अभिनव को वृंदावन में इस बारे में डांटा था. उनका कहना है कि इस तरह के दावे लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करते हैं.

लोगों की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद, सोशल मीडिया पर अभिनव अरोड़ा को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कुछ लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं और उनके माता-पिता पर भी सवाल उठा रहे हैं कि वे अपने बच्चे को इस तरह के दावों के लिए प्रोत्साहित क्यों कर रहे हैं. वहीं, कुछ लोग अभिनव के फैंस हैं और उन्हें सच में एक संत मानते हैं.

बच्चों का आस्था के साथ मजाक?

यह मामला सिर्फ एक बच्चे के दावे तक सीमित नहीं है. इससे यह भी सवाल उठता है कि क्या आजकल लोग आस्था और विश्वास को व्यवसाय बनाने के लिए मजाक बना रहे हैं? लोगों का कहना है कि इस तरह के वीडियो से धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं और यह एक गंभीर मुद्दा है.

इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से समाज में चर्चा का विषय बना दिया है. क्या हमें ऐसे मामलों पर ध्यान देना चाहिए? स्वामी रामभद्राचार्य का यह बयान और वायरल वीडियो इस पर विचार करने का एक महत्वपूर्ण कारण है. लोगों की आस्था और विश्वास को बनाए रखना जरूरी है, लेकिन क्या यह सही है कि इसे मजाक में बदला जाए?

इस मामले पर अभी और चर्चाएं जारी रहेंगी, लेकिन स्वामी रामभद्राचार्य की कड़ी प्रतिक्रिया ने निश्चित रूप से इस मुद्दे को और उभार दिया है. First Updated : Sunday, 27 October 2024