तेज प्रताप की अनोखी शिव भक्ति, शिवलिंग से लिपटकर जलाभिषेक, वीडियो वायरल

Viral Video: एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए तेज प्रताप ने लिखा, महादेव परम सत्य के प्रतीक हैं. महादेव को गले लगाने का अर्थ है स्वयं के सबसे गहरे, सबसे गहन पहलुओं को गले लगाना. अराजकता के बीच शांति पाना महादेव को ढूंढना है. वीडियो में प्रताप शिवलिंग से लिपटे हुए नजर आ रहे हैं. वहीं पुजारी एक के बाद एक जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करा रहे हैं. 

calender

Viral Video: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपनी किसी न किसी वजह के चलते अक्सर चर्चा का विषय बने रहते हैं. इस बिह अब उनका एक अनोखा वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है. जिसमें एक धार्मिक समारोह के दौरान उनकी गहरी भक्ति नजर आ रही है. वीडियो में तेज प्रताप शिवलिंग से लिपटकर जलाभिषेक की रस्म निभाते हुए नजर आ रहे हैं, जिसने इंटरनेट पर लोगों का ध्यान अपनी और खींचने का काम किया है. वहीं इस वीडियो पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं. 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए तेज प्रताप ने लिखा, "महादेव परम सत्य के प्रतीक हैं. महादेव को गले लगाने का अर्थ है स्वयं के सबसे गहरे, सबसे गहन पहलुओं को गले लगाना. अराजकता के बीच शांति पाना महादेव को ढूंढना है." वीडियो में प्रताप शिवलिंग से लिपटे हुए नजर आ रहे हैं. वहीं पुजारी एक के बाद एक जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करा रहे हैं. 

वीडियो पर कई यूजर्स की आई प्रतिक्रिया 

इस वायरल हो रहे वीडियो को अब तक 306.3K लोगों द्वारा देखा जा चुका है. इस बीच वीडियो पर कई यूजर्स की मिली जुली प्रतिक्रिया भी सामने आई है. इस दौरान कुछ लोगों ने उनकी सच्ची भक्ति की प्रशंसा की, जबकि अन्य लोगों ने इस कृत्य को असामान्य पाया और आश्चर्य व्यक्त किया। वायरल वीडियो ने चर्चाओं को जन्म दिया है और उनके समर्थकों और आलोचकों दोनों से काफी ध्यान आकर्षित किया है. 

पहले भी चर्चा में आ चुके हैं तेज प्रताप

इस पहले भी तेज प्रताप कई मौकों पर भगवान शिव की पोशाक पहनी है और लोगों का ध्यान अपनी और खींचने का काम किया है. ऐसी ही एक मामला 2018 के महा शिवरात्रि उत्सव के दौरान भी सामने आया था. जहां उन्होंने एक जटिल पोशाक पहनी थी, उनके शरीर पर राख लगी हुई थी और हाथ में त्रिशूल था. ये कृत्य, उनकी गहरी आस्था को प्रदर्शित करते हुए, अक्सर उनके औचित्य और प्रभाव के बारे में चर्चाओं को जन्म देता है.  First Updated : Sunday, 07 July 2024

Topics :