खरबूजा देखकर रो पड़ा मुगल बादशाह, जानिए कौन था वो सम्राट!
मुगल बादशाह बाबर को खरबूजा इतना पसंद था कि युद्ध की तैयारी के दौरान जब किसी ने उसे कस्तूरी खरबूजा पेश किया, तो वो अपने वतन फरगना की याद में रो पड़ा. बाबर को मध्य एशिया के फल बहुत प्रिय थे और बाबरनामा में इसका भावुक ज़िक्र मिलता है.

Mughal Emperor Cried to See Musk Melon: मुगल साम्राज्य भारत के इतिहास में एक बहुत ही अहम हिस्सा है. इसकी नींव रखी थी ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर ने. बाबर का जन्म फरगना घाटी (अब उज़्बेकिस्तान में) हुआ था. वह पिता की ओर से तैमूर और मां की ओर से चंगेज़ खान के वंशज थे.
बाबर ने साल 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराया और इसी जीत के साथ भारत में मुगल साम्राज्य की शुरुआत हो गई. उस वक्त बाबर ने आगरा को अपनी राजधानी बनाया.
बाबर की खासियत क्या थी?
बाबर तोपों का इस्तेमाल करने वाला पहला शासक था. उस समय ये तकनीक नई थी. उसने खत-ए-बाबरी नाम से एक खास लिखाई (लिपि) बनाई थी. वो कविता, बागवानी, और प्रकृति से बहुत प्यार करता था.
कौन-कौन से युद्ध लड़े?
बाबर ने भारत में चार बड़े युद्ध लड़े और जीते:
पानीपत (1526) – इब्राहिम लोदी के खिलाफ
खानवा (1527) – राणा सांगा के खिलाफ
चंदेरी (1528) – मेदनी राय के खिलाफ
घाघरा (1529) – अफगान शासकों के खिलाफ
बाबर का निजी जीवन
बाबर जब 11 साल का था, तब उसके पिता की मौत हो गई और उसे राजगद्दी संभालनी पड़ी. उसने समरकंद पर तीन बार कब्जा किया, लेकिन हर बार हार गया. इसके बाद वह काबुल आया और फिर भारत की ओर रुख किया. बाबर का अपनी मां, बहनों और बेटी गुलबदन बेगम से गहरा रिश्ता था. उसकी बेटी गुलबदन ने हुमायूंनामा नाम से एक किताब भी लिखी.
भारत में रहते हुए
बाबर को भारत की गर्मी और खाना पसंद नहीं आया, लेकिन यहां की संस्कृति और समृद्धि को उसने बहुत सराहा. उसने लूटपाट पर रोक लगाई और धर्म परिवर्तन को मजबूरी नहीं बनाया. उसे खरबूजा बहुत पसंद था. वह उज़्बेकिस्तान से खरबूजे और अंगूर मंगवाता था. एक बार जब उसे युद्ध के बीच खरबूजा खाने को मिला, तो उसे अपने बचपन और देश की याद आ गई और उसकी आंखें भर आईं. बाबर की ये बातें उसकी आत्मकथा बाबरनामा में पढ़ने को मिलती हैं, जिससे हमें उसकी भावनाएं और सोचने का तरीका भी पता चलता है.


