Mathura monkey viral: शौक बड़ी चीज हैं! भांग पीने के लिए मशहूर हैं मथुरा का ये बंदर
मथुरा का एक बंदर काफी चर्चा में हैं, वो इसलिए क्योंकि ये बंदर भांग पीने का शौक रखता हैं. श्याम घाट पर ये बंदर रोजाना भांग पीने के लिए आता हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि ये 4-5 साल से भांग पीने के लिए दोपहर 3 बजे पर आ जाता है.
Mathura monkey viral: मथुरा में बंदरों की शैतानियों को लेकर तो कई वीडियो सामने आई हैं. यहां के बंदर, चश्मा पर्स तो चुराते ही हैं. लेकिन बदले में जूस या मनपसंदीदा चीज दी जाए तो ही सामान वापस लौटाते हैं. इसलिए सलाह भी दी जाती हैं कि मंदिरों के पास जहां बंदर होते हैं, उन जगहों पर चश्मा ना पहन कर जाए और अपना सामान संभाल कर रखें. लेकिन इन नटखट बंदरों के बीच में एक ऐसा भी बंदर हैं जो काफी सुर्खियों में बना हुआ हैं. वो किस लिए आइए जानते हैं
भांग के लिए बंदर का इंतजार
दरअसल, मथुरा के श्याम घाट पर एक बंदर रोजाना भांग पीने के लिए आता हैं. यहां रोज ब्रज के राजा दाऊजी को भांग की ठंडाई चढ़ाया जाती हैं. जहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पहुंचते हैं. दाऊ जी को भांग चढ़ाते वक्त इस जगह पर रोज एक बंदर बैठकर इंतजार करता हैं. भांग पीने के बाद वो बंदर वहां से चला जाता हैं.
बड़ी मुश्किल से बची जान
मिली जानकारी के मुताबिक, करीब 4 साल पहले लोग सभी बंदरों को मार रहे थे. जिसमें से ये एक अकेला बंदर घायल अवस्था में मिला था. जिसके बाद लोगों ने इसका इलाज किया और इसकी जान बच सकीं.
एक लोटा भांग पीता हैं बंदर
भांग पीने का सिलसिला उस वक्त शुरु हुआ जब भगवान ठाकुर को बिजिया (भांग) चढ़ाया जा रहा था और एक दिन यह बंदर यहां पहुंच गया. लोगों ने भी उसे भांग दे दी और वो इसे पी गया. बस फिर क्या बंदर भांग का इतना शौकीन हो गया कि रोजाना यहां आने लगा. तय समय के मुताबिक, वो करीब एक लोटा भांग पीकर चला जाता है
स्थानीय निवासियों का कहना है कि ये बंदर भांग पीने के लिए 4-5 साल से दोपहर बाद 3 बजे पर आता है. इसके अलावा, ये भी कहा जाता हैं कि चतुर्वेदी समाज के लोग इस बंदर को चीकू के नाम से पुकारते हैं.