कृष्ण के मुकुट जैसा है हवा में झूलता ये महल! 953 खिड़कियों से झलकती है शाही रॉयल्टी, जानिए खासियत
भारत, जिसे इतिहास और सांस्कृतिक धरोहरों का खजाना कहा जाता है, अपनी अनगिनत ऐतिहासिक इमारतों और स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. यहां के किले, मंदिर, महल और स्मारक न केवल देश के गौरवशाली अतीत की झलक दिखाते हैं, बल्कि दुनियाभर के पर्यटकों को भी आकर्षित करते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे महल के बारे में बताने जा रहे हैं जो हवा में झूलते हैं.

भारत ऐतिहासिक धरोहरों की भूमि है, जहां हर राज्य में भव्य किले, प्राचीन मंदिर और शानदार स्मारक देखने को मिलते हैं. ताजमहल (आगरा) प्रेम का प्रतीक है, जबकि कुतुब मीनार (दिल्ली) भारत की सबसे ऊंची ईंटों की मीनार है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे महल के बारे में बताने जा रहे हैं जो हवा में झूलते हैं. यह महल राजपूत वास्तुकला के सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक है. इस महल की मेहराबों को इस्लामी शैली में बना गया गया है और बांसुरी वाले खंभे राजपूत शैली में बनाए गए हैं.
हवा में झुलता है ये महल
दरअसल, हम बात कर रहे हैं जयपुर की हवा महल के बारे में जो अपनी गुलाबी खिड़कियों के लिए फेमस है. इस महल की सुंदरता टूरिस्टों को अपनी तरफ अट्रैक्ट करती है. यह महल दूर से देखने पर भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट की तरह लगता है. अगर आप एक बार इस महल की संरचना, वास्तुकला और डिजाइन को देखेंगे तो फिर देखते ही रहेंगे. हवा महल पांच मंजिला है और 87 डिग्री के कोण पर झुका हुआ है.
हवा महल में हैं 953 खिड़कियां
हवा महल में 953 खिड़कियां हैं. ये खिड़कियां टूरिस्टों के लिए मुख्य आकर्षण हैं. इन खिड़कियों को शाही महिलाओं के लिए बनवाया गया था ताकि वे नीचे की गली में हो रहे रोजाना के नाटक और नृत्य को देख सकें. पुराने जमाने में शाही महिलाएं इन खिड़कियों से शहर के सुंदर नजारे देखते थे. इस महल की मेहराबों को इस्लामी शैली में बना गया गया है और बांसुरी वाले खंभे राजपूत शैली में बनाए गए हैं. हवा महल नाम यहां की पांचवीं मंजिल के नाम पर रखा गया है.
महल में है 3 हवा मंदिर
हवा महल के अंदर तीन छोटे मंदिर हैं जिनके नाम गोवर्धन कृष्ण मंदिर, प्रकाश मंदिर और हवा मंदिर है. लाल और गुलाबी पत्थर से बने इस महल के मुख्य वास्तुकार लाल चंद उस्ताद थे. इस महल का निर्माण हिंदू देवता कृष्ण के मुकुट के रूप में हुआ था क्यों कि सवाई प्रताप सिंह कृष्ण भक्त थे. सवाई प्रताप सिंह महाराजा सवाई जय सिंह के पोते थे.