Ajab-Gajab : नहीं नहाती ये आदिवासी जनजाति. वर्षों से लगा हुआ है बैन
Himba : आदिवासी जनजाति हिम्बा में आज भी पुराने नियमों को माना जाता है. हिम्बा ट्राइब के लोगों के नहाने पर बैन है. ये पानी की जगह धुएं से स्नान करते हैं.
Ajab-Gajab Facts : दुनिया ने आज काफी तरक्की कर ली है. लोग डिजिटल युग में अपना जीवन-यापन कर रहे हैं. लेकिन आज भी कुछ लोग अपनी परंपरागत मान्यताओं से जुड़े हुए हैं. आज हम आपको ऐसे लोगों के बारे में बताएंगे जिनके लिए नहाना पूरी तरह से बैन है. यानी उन्हें नहाने की इजाजत नहीं दी गई है. दरअसल हम आदिवासी जनजाति की बात कर रहे हैं जो आज भी उसी तरह से रहते हैं जैसे पहले स्टोन ऐज में इंसान रहता था. इनके नियम ट्राइब्स के नियम-कानून आज भी पुराने ही हैं.
नहाने पर है रोक
आदिवासी जनजाति हिम्बा में आज भी पुराने नियमों को माना जाता है. वर्तमान में इसके 50 हजार लोग मौजूद हैं. इनके नियमों को जानने के बाद आप हैरान हो जाएंगे. जानकारी के अनुसार हिम्बा को नहाने की सख्त मनाही है. नामीबिया में रहने वाले इस ट्राइब में पचास हजार से अधिक लोग रहते हैं. लेकिन इनकी आदत आज भी वही है. जो पहले भी रहती है. अजीब बात यह है कि इस ट्राइब में बाहर से आने वाले को मेहमानों को खाने के साथ-साथ घर की महिलाएं परोसी जाती हैं.
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क्या है महिलाओं से जुड़ी प्रथा
हिम्बा ट्राइब के लोगों के नहाने पर बैन है. ये पानी की जगह धुएं से स्नान करते हैं. जिसे स्मोक बाथिंग कहा जाता है. वहीं हिम्बा में एक अजीब प्रथा भी है. इसमें घर आए मेहमान को चाय-नाश्ता और खाना दिया जाता है. वैसे ही इसमें मेहमानों को घर की महिलाएं परोसते हैं. इसके लिए अलग से कमरा बना होता है. खुद महिला का पति इस काम के लिए अपनी पत्नी को भेजता है. इसमें सारे फैसले घर के मर्द लेते हैं. यानी महिलाओं की बिल्कुल भी नहीं चलती है.