दिवाली पर 'लक्ष्मी' की पूजा के बजाय जलाए गए नोट, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा नया ट्रेंड! क्या ये सही है?
दिवाली के दिन लोग पटाखों के बजाय अब नोट जलाने लगे हैं और इस अजीब ट्रेंड के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. लोग माचिस से सौ और पांच सौ के नोट जलाते हुए नजर आ रहे हैं, जो कई लोगों के लिए चौंकाने वाला है. कुछ लोगों का कहना है कि ये नोट नकली हैं, तो कुछ इसे गलत मानते हुए आलोचना कर रहे हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या यह सही है? क्या पैसे को जलाना लक्ष्मी माता के सम्मान में है या यह केवल एक दिखावा? इस ट्रेंड को लेकर लोगों के बीच मचे हंगामे और सवालों के बारे में जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर!
Viral Video: दिवाली का पर्व भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. यह समय होता है जब लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और समृद्धि की कामना करते हैं. लेकिन इस बार दिवाली पर कुछ अजीब देखा गया. पटाखों की जगह कुछ लोग नोट जलाने में लगे हुए थे और ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं.
सौ और पांच सौ के नोट जलाए गए
वीडियो में लोग माचिस से सौ और पांच सौ के नोट जलाते हुए दिखाई दे रहे हैं. पहले इन नोटों को जमीन पर रखकर आग लगाई जाती है और फिर यह नोट जलकर राख में बदल जाते हैं. खास बात यह है कि आग लगने के बाद जब तक नोट पूरी तरह से जलकर खाक नहीं हो जाते तब तक यह जलते रहते हैं. यह नज़ारा सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और लोगों के बीच हलचल मच गई.
लोगों का गुस्सा और नकली नोटों की अफवाहें
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, कुछ लोग इस हरकत पर नाराजगी जाहिर करने लगे. उन्होंने इसे अपमानजनक और अनैतिक बताया. वहीं, कुछ यूज़र्स ने कमेंट्स में यह भी लिखा कि यह नोट असली नहीं थे, बल्कि नकली थे. इस वजह से उनकी जलाने की घटना को कुछ लोगों ने सिर्फ एक शो ऑफ या मजाक के तौर पर लिया.
दिवाली पर पटाखे जलाने से बचने के लिए था प्रदूषण पर जोर
इस साल दिवाली पर पर्यावरण को बचाने और प्रदूषण कम करने की अपील की गई थी. सरकार और पर्यावरणीय संगठनों ने पटाखों से होने वाले प्रदूषण को लेकर लोगों को सचेत किया था और यह प्रयास किया गया कि लोग पटाखे जलाने से बचें. हालांकि, इस ट्रेंड ने एक नया सवाल खड़ा किया कि क्या यह सही तरीका है, जब लोग पर्यावरण की चिंता करते हुए पैसे को जलाने की बजाय पर्यावरण को और भी नुकसान पहुंचा रहे हैं.
क्या यह ट्रेंड संस्कृति के खिलाफ है?
दिवाली का पर्व समृद्धि, लक्ष्मी और खुशियों का प्रतीक है लेकिन जब लोग पैसे को जलाते हैं, तो यह सवाल उठता है कि क्या यह एक सही संदेश है? क्या हम अपनी परंपराओं और संस्कृति को सम्मान दे रहे हैं, या यह केवल एक असंवेदनशील हरकत है? इस तरह की हरकतें क्या समृद्धि की ओर इशारा करती हैं, या फिर यह केवल एक प्रदर्शन का रूप है?
आखिरकार, अगले साल क्या होगा?
यह ट्रेंड क्या अगले साल भी जारी रहेगा या लोग इस पर पुनर्विचार करेंगे, यह देखने वाली बात होगी. दीवाली का त्यौहार एक अवसर है जब हम अपने घरों और दिलों में शांति और समृद्धि का स्वागत करते हैं. लेकिन क्या यह हरकत सही है, इस पर लोगों को गंभीरता से सोचने की जरूरत है.
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस तरह के वायरल वीडियो और ट्रेंड्स के बावजूद लोग इस दिवाली को किस दिशा में मनाते हैं. क्या यह परंपरा और संस्कार के प्रति सम्मान बनाए रखते हुए मनाया जाएगा, या इस तरह के असामान्य ट्रेंड्स से परहेज किया जाएगा.