Mahakumbh 2025: 'एंबेसडर कार' वाले बाबा से लेकर 'पर्यावरण' बाबा तक, महाकुंभ में इन विचित्र बाबाओं को देख दंग रह जाएंगे आप
प्रयागराज का महाकुंभ मेला 2025 आस्था, अध्यात्म और अनोखे संतों के विचित्र व्यक्तित्वों का संगम बन चुका है. यहां आए संतों की अनूठी साधनाएं और विचित्र जीवनशैली श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. तो आइए एक नजर डालते हैं इन बाबाओं की विचित्र लाइफस्टाइल पर...
Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 आध्यात्मिकता और अद्भुत बाबाओं के अनोखे व्यक्तित्वों का संगम बन चुका है. यहां आए संतों के विचित्र रूप और अनोखी साधना श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. आइए जानते हैं इन बाबाओं के बारे में, जो अपनी अनूठी पहचान के कारण सुर्खियों में हैं.
रुद्राक्ष बाबा - 30 किलो की रुद्राक्ष माला
आपको बता दें कि रुद्राक्ष बाबा 11,000 रुद्राक्ष की माला पहनते हैं, जिसका वजन लगभग 30 किलोग्राम है. ये रुद्राक्ष भगवान शिव के प्रति उनकी गहरी आस्था का प्रतीक हैं. बाबा का कहना है कि हर माला भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करती है और उनकी साधना का हिस्सा है.
राजदूत बाबा - 1972 एंबेसडर कार में सफर
राजदूत बाबा, जिन्हें महंत राजगिरी नागा बाबा के नाम से भी जाना जाता है, अपनी 1972 मॉडल की विंटेज एंबेसडर कार में सफर करते हैं. खास बात यह है कि वे इसी कार में सोते, खाते और ध्यान लगाते हैं. उनके अनोखे जीवनशैली ने मेले में उन्हें खास पहचान दिलाई है.
कंप्यूटर बाबा - तकनीक के संत
कंप्यूटर बाबा, जिनका असली नाम दास त्यागी है, हमेशा अपने साथ लैपटॉप रखते हैं. उन्हें गैजेट्स और तकनीक का विशेष शौक है. 1998 में उन्हें 'कंप्यूटर बाबा' का नाम मिला, जब उन्होंने तकनीक को आध्यात्म से जोड़ा.
पर्यावरण बाबा - हरियाली के दूत
आचार्य महामंडलेश्वर अरुणा गिरि, जिन्हें पर्यावरण बाबा कहा जाता है. बता दें कि 2016 में वैष्णो देवी से कन्याकुमारी तक 27 लाख पौधे वितरित किए. इस बार उन्होंने महाकुंभ में 51,000 पौधे लगाने का संकल्प लिया है.
बाबा जिन्होंने 5 साल से हाथ ऊपर उठाया
हरिवंश गिरि पिछले पांच वर्षों से एक हाथ ऊपर उठाए हुए हैं. उनका संकल्प है कि वे कुल 12 वर्षों तक इस कठिन तपस्या को जारी रखेंगे. उनकी साधना को श्रद्धालुओं ने अद्भुत भक्ति का प्रतीक माना है.
उंगलियों से लंबे नाखून वाले बाबा
महाकाल गिरि बाबा ने पिछले 9 सालों से अपना हाथ ऊपर उठा रखा है. उनके हाथों के नाखून इतने लंबे हो चुके हैं कि वे उनकी उंगलियों से भी बड़े हो गए हैं। यह कठिन तपस्या उनकी भक्ति और धैर्य का प्रतीक है.
डिजिटल मौनी बाबा
डिजिटल मौनी बाबा 12 सालों से मौन व्रत का पालन कर रहे हैं. वे अपने अनुयायियों से संवाद के लिए डिजिटल बोर्ड का उपयोग करते हैं, जिससे उनकी साधना में आधुनिक तकनीक की झलक मिलती है.
सिलेंडर बाबा - दाढ़ी की ताकत
बाबा जानकीदास, भरतपुर के हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी हैं. उनकी 21 फुट लंबी दाढ़ी इतनी मजबूत है कि वे उससे दो सिलेंडर उठा सकते हैं. उनकी यह अनोखी कला मेले में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
चाबी वाले बाबा
चाबी वाले बाबा 20 किलो की एक बड़ी चाबी के साथ चलते हैं, जिसे वे 'राम नाम की चाबी' कहते हैं. उनका असली नाम हरिश्चंद्र है और वे रायबरेली, उत्तर प्रदेश से हैं.
इसके अलावा आपको बता दें कि महाकुंभ मेला 2025 में आए ये अनोखे बाबा न केवल आध्यात्मिकता बल्कि संस्कृति और विविधता का प्रतीक हैं. उनकी अनोखी साधनाएं और जीवनशैली लोगों को अध्यात्म और भक्ति के गहरे अर्थ समझा रही हैं.