नई दिल्ली. छठ पूजा के दौरान यमुनानदी में नहाते हुए एक महिला का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह जहरीली झाग से अपने बाल धोते हुए नजर आ रही है. यह वीडियो कई श्रद्धालुओं द्वारा यमुनानदी में स्नान करते हुए रिकॉर्ड किया गया है, जबकि नदी की सतह पर जहरीली झाग की मोटी परतें तैर रही थीं. यह झाग, जो बिना उपचारित सीवेज और औद्योगिक कचरे के मिलने से उत्पन्न होता है, हानिकारक रसायनों से भरा हुआ है और स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न करता है.
यमुनानदी की गंदगी के कारण दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला
दिल्ली हाई कोर्ट ने यमुनानदी के किनारे पर तीन दिन चलने वाली छठ पूजा के आयोजन की अनुमति देने से मना कर दिया था. अदालत ने इस पर विचार करते हुए कहा कि नदी अत्यधिक प्रदूषित है और इससे श्रद्धालु बीमार पड़ सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा, "कृपया समझें, आप बीमार पड़ सकते हैं। हम आपको (श्रद्धालुओं को) पानी में जाने की अनुमति नहीं दे सकते। यह अत्यधिक प्रदूषित है। यह एक विशाल कार्य है, इसे अभी नहीं किया जा सकता. हम एक दिन में यमुनानदी को साफ नहीं कर सकते."
पेटीआईएल और सरकार के आदेश पर कोर्ट की टिप्पणी
यह मामला दिल्ली सरकार द्वारा यमुनानदी के किनारे छठ पूजा मनाने पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ 'पूर्वांचल नव निर्माण संस्थान' द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) का था. छठ पूजा दिल्ली के पूर्वांचली समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से आए भोजपुरी बोलने वाले निवासियों का समूह है. कोर्ट ने अपनी हालिया टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि यमुनानदी में प्रदूषण अपने उच्चतम स्तर पर है और इसी कारण वह इस PIL में कोई आदेश पारित नहीं कर सकता. इसके साथ ही अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया था.
यमुनानदी में प्रदूषण की स्थिति और भविष्य की दिशा
कोर्ट ने यमुनानदी के प्रदूषण के बारे में हाल की रिपोर्ट का भी जिक्र किया, जिसमें यह बताया गया कि नदी की स्थिति अब तक की सबसे खराब स्थिति में है. यमुनानदी के प्रदूषण को दूर करने के लिए अभी भी लंबा रास्ता तय करना बाकी है और इस दिशा में कोई त्वरित समाधान संभव नहीं है। First Updated : Sunday, 10 November 2024