Ghaziabad News: गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरि के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए मामला दर्ज किया गया है. उनपर आरोप है कि उन्होंने हिंदी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में इस्लाम के प्रवर्तक पैगंबर मोहम्मद साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. महंत ने ये भड़काऊ बयान तब दिए जब वे दशहरे पर रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले न जलाने की सलाह दे रहे थे, और इसी संदर्भ में उन्होंने मोहम्मद साहब का नाम लिया और विवादित बातें कही. इस बीच उनके विवादित बयान का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नरसिंहानंद के विवादित भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद उनके खिलाफ सिहानी गेट थाने में मामला दर्ज किया गया है. हिंदी भवन में हुआ ये कार्यक्रम 29 सितंबर को आयोजित किया गया था, लेकिन गुरुवार को वीडियो के फैलने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की. ये मामला वहां तैनात सब-इंस्पेक्टर द्वारा दर्ज कराया गया है. एफआईआर में यति नरसिंहानंद पर दूसरे समुदाय के लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया है.
सिहानी गेट थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर त्रिवेंद्र सिंह ने अपनी तरफ से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया कि गुरुवार शाम लगभग छह बजे वह लोहिया नगर चौकी क्षेत्र में गश्त पर थे. इस दौरान उन्हें जानकारी मिली कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से फैल रहा है, जिसमें डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद भड़काऊ भाषण दे रहे हैं. जब उन्होंने वीडियो को देखा, तो उसमें यति नरसिंहानंद द्वारा दूसरे समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही थीं.
सब-इंस्पेक्टर के अनुसार, जांच में पता चला कि 29 सितंबर को अमर बलिदानी मेजर आसाराम व्याग सेवा संस्थान के तहत हिंदी भवन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें यति नरसिंहानंद भी शामिल हुए थे. उन्होंने अपने भाषण में दूसरे समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं. इस बीच एसीपी नंदग्राम पूनम मिश्रा ने बताया कि उपनिरीक्षक की शिकायत पर यति नरसिंहानंद के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज किया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.
नरसिंहानंद ने कार्यक्रम के दौरान दशहरे पर पुतले जलाने के संदर्भ में कहा, 'हम कभी धर्म से बंधे नहीं रहे. जिन्होंने देशों और राष्ट्रों की बात की, उनके पास न तो एक देश है और न ही एक राष्ट्र. जो अपने धर्म पर अडिग रहे, उनके पास देखें कितने राष्ट्र हैं. आज मैं केवल एक व्यक्ति के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहा हूं. हर साल हम मेघनाद को जलाते हैं. मेघनाथ जैसा चरित्रवान व्यक्ति इस धरती पर दूसरा नहीं हुआ. हम कुंभकर्ण को भी जलाते हैं.
कुंभकर्ण जैसा वैज्ञानिक योद्धा नहीं हुआ. कुंभकर्ण की क्या गलती थी? रावण ने एक छोटा सा अपराध किया और लाखों सालों से हम उसे जलाते आ रहे हैं, लेकिन अब ऐसे-ऐसे अपराधी पैदा हो गए हैं, जिनके सामने रावण का कोई अस्तित्व नहीं है.' इसके बाद उन्होंने कुछ ऐसी बातें कही, जिससे उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ. First Updated : Thursday, 03 October 2024