स्पोर्ट्स शूज पहनकर ऑफिस पहुंची लड़की तो कंपनी ने जॉब से निकाला, कोर्ट पहुंचा केस तो चुकाने पड़े इतने लाख
इंग्लैंड से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक कर्मचारी को कंपनी से सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि वो ऑफिस स्पोर्ट शूज पहनकर आई थी. हालांकि, कंपनी को यह महंगा पड़ गया और अब उसे 32 लाख रुपये चुकाने हैं.
हर ऑफिस का अपना एक डेकोरम होता है, जिसको मेंटेन करने की जिम्मेदारी वहां काम करने वाले कर्मचारियों की होती है. अब यूं तो कोई नियम नहीं होता लेकिन काम करने वाले लोगों को हिदायत दी जाती है, आपको इसे मेंटेन करना ही होगा. हालांकि अगर ऐसा नहीं होता तो मैंनेजमेंट इसको लेकर कई बार एक्शन मोड में भी आ जाते हैं. इसी से जुड़ी एक कहानी इन दिनों लोगों के बीच सामने आई है. जहां कंपनी का लिया एक्शन उन्हीं के ऊपर भारी पड़ गया.
आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि एक लड़की को सिर्फ इसलिए ऑफिस से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया क्योंकि उसने स्पोर्ट्स शूज पहन रखे थे. रिपोर्ट के मुताबिक, 18 साल की लड़की एलिजाबेथ बेनासी ब्रिटेन की एक कंपनी में नई-नई भर्ती हुई और उसने वहां मन लगाकर काम करती थी. हालांकि तीन महीने बाद उसके साथ कुछ ऐसा हुआ कि कंपनी ने काम पर से निकाल दिया और इस पर उन्होंने सफाई कि वो स्पोर्ट्स शूज़ पहनकर ऑफिस आई थी. जिस कारण उनके ऊपर ये कार्रवाई की गई. लड़की को कंपनी का ये फैसला मंजूर नहीं था. जिसके बाद वो इसको लेकर कोर्ट में पहुंच गई.
उम्र की वजह से उन्हें विक्टिम बनाया जाता था- लड़की
कोर्ट में लड़की एलिजाबेथ ने जज के सामने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी स्पोर्ट्स शूज पहनकर ऑफिस नहीं जाया जाता है. हालांकि मेरी इस गलती पर मेरे बॉस ने मुझे डांटा और ऐसे ट्रीट किया. जैसे मैं कोई कर्मचारी नहीं बल्कि एक छोटी बच्ची हूं. इसके अलावा लड़की ने जज को बयान देते हुए ये भी कहा कि मेरी उम्र छोटी है. जिस कारण वहां काम करने वाले लोग अक्सर मुझे टारगेट करते रहते हैं. सीधे शब्दों में कहे उन्होंने कंपनी पर इस आधार पर केस किया कि उनकी उम्र की वजह से उन्हें विक्टिम बनाया जाता था.
एलिजाबेथ बेनासी का कहना है कि उन्हें उस ऑफिस के किसी भी औपचारिक ड्रेस कोड के बारे में पता नहीं था. मैक्सिमम यूके सर्विसेज में काम करने वाली लड़की का कहना है कि, कंपनी का मकसद उसे निकालना था. बता दें कि, जब यह मामला एंप्लॉय जज के पास पहुंचा, तो फैसला लड़की के पक्ष में आया. यही नहीं कंपनी को मोटा मुआवजा भी देना पड़ा. लड़की के मुताबिक, उसे उसके जूतों को लेकर गलत तरीके से निशाना बनाया गया है. उसके कलीग्स भी उसके जैसे ही जूते पहनते थे.
कंपनी ने दिया क्या बताया?
कोर्ट में कंपनी ने अपना बयान देते हुए कि उसे नौकरी से इसलिए निकाला गया क्योंकि उनकी परफॉर्मेंस नहीं अच्छी थी. दोनों पक्षों का फैसला सुनने के बाद जज ने लड़की की ओर अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि कंपनी को अपने सारे कर्मचारी के साथ एक जैसा व्यवहार करना चाहिए, दूसरे कर्मी भी स्पोर्ट्स शूज पहनकर ऑफिस आते होंगे, तो उन्हें क्यों नहीं वैसे ही ट्रीट किया गया, जैसे एलिजाबेथ को किया गया. इसके बाद जज ने कहा कि इस मामले में गलती कंपनी की है तो उन्हें एलिजाबेथ 32 लाख रुपये मुआवजा देना चाहिए.