कैसे दी जाती थी काला पानी की सजा, कैदी मांगते थे मौत की दुआ
सेल्यूलर जेल
भारत में एक वक्त ऐसा भी था, जब अंडमान निकोबार में स्थित सेल्यूलर जेल चर्चा में रहती थी.
Credit: googleकब बनी जेल
सेल्यूलर जेस की नींव 1897 ईस्वी में रखी गई थी और ये 1906 में बनकर तैयार हुई.
Credit: googleकाला पानी की सजा
इस जेल मं कैदियों को काला पानी की सजा दी जाती थी. जेल का नाम सुनते ही कैदियों की रुह कांप जाती थी.
Credit: googleक्यों कहते थे काला पानी की सजा
सेल्युलर जेल के चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी थी. यहां पर कमरे की जगह कोठरियां बनाई गई थीं. जो 15x8 फीट चौड़ी और 3 मीटर ऊंची थी.
Credit: googleबीमार रहते थे कैदी
जेल में कैदी कई बीमारियों से ग्रसित थे. बीमारियों में असीमित खुजली और दाद जैसे एक चर्मरोग आम बात थी. उनका कोई इलाज नहीं होता था.
Credit: googleकैदियों दी जाती थी ये सजा
इस जेल में कैदियों को बेड़ियों से बाधा जाता था. कोल्हू से तेल पिरवाया जाता था, हर कैदी को 30 पाउंड तेल निकालना होता था. अगर कैदी काम नहीं करते थे तो उन्हें मारा जाता था.
Credit: googleकैदी मांगते थे मौत की दुआ
जेल में सजा मौत से बदतर मानी जाती थी. कैदियों को जिंदा रहते इतने कष्ट सहने पड़ते थे. जो मौत से भी ज्यादा दर्दनाक थे.
Credit: google View More Web Stories