कैसे दी जाती थी काला पानी की सजा, कैदी मांगते थे मौत की दुआ


2024/03/17 22:29:54 IST

सेल्यूलर जेल

    भारत में एक वक्त ऐसा भी था, जब अंडमान निकोबार में स्थित सेल्यूलर जेल चर्चा में रहती थी.

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कब बनी जेल

    सेल्यूलर जेस की नींव 1897 ईस्वी में रखी गई थी और ये 1906 में बनकर तैयार हुई.

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काला पानी की सजा

    इस जेल मं कैदियों को काला पानी की सजा दी जाती थी. जेल का नाम सुनते ही कैदियों की रुह कांप जाती थी.

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क्यों कहते थे काला पानी की सजा

    सेल्युलर जेल के चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी थी. यहां पर कमरे की जगह कोठरियां बनाई गई थीं. जो 15x8 फीट चौड़ी और 3 मीटर ऊंची थी.

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बीमार रहते थे कैदी

    जेल में कैदी कई बीमारियों से ग्रसित थे. बीमारियों में असीमित खुजली और दाद जैसे एक चर्मरोग आम बात थी. उनका कोई इलाज नहीं होता था.

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कैदियों दी जाती थी ये सजा

    इस जेल में कैदियों को बेड़ियों से बाधा जाता था. कोल्हू से तेल पिरवाया जाता था, हर कैदी को 30 पाउंड तेल निकालना होता था. अगर कैदी काम नहीं करते थे तो उन्हें मारा जाता था.

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कैदी मांगते थे मौत की दुआ

    जेल में सजा मौत से बदतर मानी जाती थी. कैदियों को जिंदा रहते इतने कष्ट सहने पड़ते थे. जो मौत से भी ज्यादा दर्दनाक थे.

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