गुलाम बनकर भारत आया था मलिक अंबर, मुगलों को चटाई थी धूल
मलिक अंबर
मलिक अंबर मंगोल साम्राज्य का संस्थापक था. वह चंगेज खां के गुलाम के तौर पर भारत आया था, लेकिन उसने हर जंग में मुगलों को मात दी थी.
Credit: google मुगलों से नफरत
मलिक अंबर मगलों से बहुत नफरत करता था. वह कहता था कि जब तक मैं जिंदा हूं, तब तक मैं मगलों के खिलाफ युद्ध करूंगा.
Credit: google अंबर का जन्म
अंबर का जन्म 1549 में इथियोपिया में हुआ था. वह भारत आने के दौरान कई बार बेचा गया था. उसका शुरुआत नाम चापू था.
Credit: google चंगेज खां का गुलाम
मलिक अंबर ने चंगेज खां के साथ रहते हुए अपनी सैन्य समझ को बहुत बढ़ाया. चंगेज खां की मौत के बाद वह गुलामी से आजाद हो गया.
Credit: google अंबर की सेना
मलिक अंबर ने दक्कन में जगह-जगह से आए गुलामों को भर्ती करके अपनी एक बड़ी सेना बना ली थी. अहमदाबाद में सुल्तान की मौत के बाद अंबर ने 1601 में मुर्तजा निजाम शाह को गद्दी पर बैठ दिया था.
Credit: google बेटी की शादी
अंबर ने मुर्तजा निजाम शाह से रिश्ते अच्छे करने के लिए अपनी बेटी की शादी उससे कर दी.
Credit: google जहांगीर-अंबर की सेना का युद्ध
जहांगीर ने गद्दी संभालने के बाद सबसे पहले दक्कन पर अटैक किया. लेकिन अंबर की सेना के आगे जहांगीर की सेना टिक नहीं पाई. अंबर ने बहुत से युद्ध में मगलों को हराया है.
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