इस महिला ने अपनी आवाज से कर दी थी अंग्रेजों के नाक में दम

इस महिला ने अपनी आवाज से कर दी थी अंग्रेजों के नाक में दम


Deeksha Parmar
2024/03/26 09:45:57 IST
भारत

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    आज हम आपको भारत की एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी आवाज से अंग्रेजों के नाक में दम कर दिया था.

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उषा मेहता

उषा मेहता

    हम बात कर रहे हैं उषा मेहता की जो भारत की रेडियो वुमन के नाम से जानी जाती है.

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आजादी के लड़ाई में योगदान

आजादी के लड़ाई में योगदान

    उषा मेहता ने रेडियो के जरिए स्वाधीना आंदोलन से जुड़ी खबरें लोगों तक पहुंचाई और आजादी के लड़ाई लड़ने में अनोखा योगदान दी.

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 कांग्रेसी रेडियो

कांग्रेसी रेडियो

    भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जब महात्मा गांधी समेत कई बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया तब आंदोलन कमजोर न पड़े इसके लिए रेडियो के जरिए लोगों तक बात पहुंचाई गई.

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खुफिया रेडियो स्टेशन

खुफिया रेडियो स्टेशन

    उषा मेहता ने बाबू भाई ठक्कर, विट्ठल झवेरी और नरीमन अबराबाद प्रिंटर जैसे युवाओं के साथ मिलकर खुफिया रेडियो स्टेशन संचालित किए और घर घर भारत छोड़ो आंदोलन की अलख जगाई.

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पहला प्रसारण

पहला प्रसारण

    रेडियो का पहला प्रसारण 27 अगस्त 1942 को उषा मेहता के आवाज में गुंजा था, यह कांग्रेस रेडियो की सेवा है जो भारत के किसी हिस्से से प्रसारित की जा रही है.

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रेडियो की खासियत

रेडियो की खासियत

    इस रेडियो की खासियत यह थी कि अंग्रेजों से बचने के लिए इसकी जगह रोज बदल दी जाती थी ताकी अंग्रेज इसे खोज न पाएं.

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गिरफ्तारी

गिरफ्तारी

    हालांकि 12 नवंबर 1942 को अंग्रेजो ने उषा मेहता और रेडियो स्टेशन से जुड़े सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

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