इस महिला ने अपनी आवाज से कर दी थी अंग्रेजों के नाक में दम
भारत
आज हम आपको भारत की एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी आवाज से अंग्रेजों के नाक में दम कर दिया था.
Credit: Social Mediaउषा मेहता
हम बात कर रहे हैं उषा मेहता की जो भारत की रेडियो वुमन के नाम से जानी जाती है.
Credit: Social Mediaआजादी के लड़ाई में योगदान
उषा मेहता ने रेडियो के जरिए स्वाधीना आंदोलन से जुड़ी खबरें लोगों तक पहुंचाई और आजादी के लड़ाई लड़ने में अनोखा योगदान दी.
Credit: Social Media कांग्रेसी रेडियो
भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जब महात्मा गांधी समेत कई बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया तब आंदोलन कमजोर न पड़े इसके लिए रेडियो के जरिए लोगों तक बात पहुंचाई गई.
Credit: Social Mediaखुफिया रेडियो स्टेशन
उषा मेहता ने बाबू भाई ठक्कर, विट्ठल झवेरी और नरीमन अबराबाद प्रिंटर जैसे युवाओं के साथ मिलकर खुफिया रेडियो स्टेशन संचालित किए और घर घर भारत छोड़ो आंदोलन की अलख जगाई.
Credit: Social Mediaपहला प्रसारण
रेडियो का पहला प्रसारण 27 अगस्त 1942 को उषा मेहता के आवाज में गुंजा था, यह कांग्रेस रेडियो की सेवा है जो भारत के किसी हिस्से से प्रसारित की जा रही है.
Credit: Social Mediaरेडियो की खासियत
इस रेडियो की खासियत यह थी कि अंग्रेजों से बचने के लिए इसकी जगह रोज बदल दी जाती थी ताकी अंग्रेज इसे खोज न पाएं.
Credit: Social Mediaगिरफ्तारी
हालांकि 12 नवंबर 1942 को अंग्रेजो ने उषा मेहता और रेडियो स्टेशन से जुड़े सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
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