ताजमहल में छुपकर क्यों जाते थे शाहजहां, अलग से बना था रास्ता!
ताजमहल
ताजमहल को दुनिया के सबसे फैमस टूरिस्ट प्लेस में से एक माना जाता है. इसको देखने के लिए लोग दुनिया से आते हैं. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि शाहजहां किस रास्ते से होकर ताजमहल तक पहुंचा करते थे?
Credit: Social Mediaयमुना के रास्ते
रिपोर्ट्स की मानें, तो ज्यादातर शाहजहां यमुना के रास्ते नांव में बैठकर ताजमहल तक जाते थे. इसके बाद वे घाट पर बनी सीढ़ियों पर उतरकर मकबरे तक जाते थे.
Credit: Social Mediaयमुना किनारे क्यों बना
जानकारी के मुताबिक, ताजमहल को नदी के किनारे बनवाने की यही वजह थी कि ताजमहल के आस-पास जो बाग बगीचे बने हैं उनकी सिंचाई के लिए पानी की कमी ना पड़े.
Credit: Social Mediaमुमताज की याद में
इतिहासकारों का मानना है कि शाहजहां ने ताजमहल बनवाने की शुरुआत 1632 में अपनी पसंदीदा जगह पर मुमताज की याद में बनवाया था.
Credit: Social Mediaशाहजहां का मकबरा
ताजमहल में मुमताज के मकबरे के साथ-साथ शाहजहां का मकबरा भी बना हुआ है. ताजमहल को मुमताज के मकबरे के रूप में ही जाना जाता है.
Credit: Social Mediaताजमहल के कारीगर
कहा जाता है कि इसको बनाने वालों के हाथ काट दिए गए थे, लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है वो तो कारीगर और बादशाह बेहतर तरह से जानते होंगे.
Credit: Social Media3 करोड़ की लागत
जानकारी के मुताबिक, आपको बता दें कि ताजमहल को बनाने में लगभग 3 करोड़ रुपये लगे थे.
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