रात भी नींद भी कहानी भी... ये हैं फिराक गोरखपुरी के शानदार शेर


2023/12/18 12:34:33 IST

Firaq Gorakhpuri

    हम से क्या हो सका मोहब्बत में, ख़ैर तुम ने तो बेवफ़ाई की.

Firaq Gorakhpuri

    ग़रज़ कि काट दिए ज़िंदगी के दिन ऐ दोस्त, वो तेरी याद में हों या तुझे भुलाने में.

तन्हाई पर शायरी

    मैं हूँ दिल है तन्हाई है, तुम भी होते अच्छा होता.

धुआँ धुआँ हुआ हुस्न

    शाम भी थी धुआँ धुआँ हुस्न भी था उदास उदास, दिल को कई कहानियाँ याद सी आ के रह गईं.

इंतिजार पर शायरी

    न कोई वा'दा न कोई यक़ीं न कोई उमीद, मगर हमें तो तिरा इंतिज़ार करना था.

संजीदगी पर शायरी

    आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में 'फ़िराक़', जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए.

तन्हा पर शायरी

    अब तो उन की याद भी आती नहीं, कितनी तन्हा हो गईं तन्हाइयाँ.

उम्मीद पर शायरी

    तेरे आने की क्या उमीद मगर, कैसे कह दूँ कि इंतिज़ार नहीं.

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