क्या है पॉलीग्राफी टेस्ट, जानिए कैसे सच उगलता है आरोपी
पॉलीग्राफ टेस्ट
पॉलीग्राफ टेस्ट (Polygraph Test) को 'लाई डिटेक्टर टेस्ट' भी कहा जाता है.
Credit: googleझूठ पकड़ने वाली मशीन
पॉलीग्राफ टेस्ट को झूठ पकड़ने वाली मशीन भी कहते हैं.
Credit: googleइसका इस्तेमाल
इसका इस्तेमाल यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि कोई व्यक्ति झूठ बोल रहा है या नहीं.
Credit: googleधड़कन और सांस लेने की गति
जब इस टेस्ट में किसी से सवाल पूछे जाते हैं तो मशीन उस व्यक्ति की धड़कन और सांस लेने की गति को मापती है.
Credit: googleझूठ पकड़ने वाली मशीन
झूठ पकड़ने वाली मशीन के नतीजों पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता.
Credit: googleकई बार यह गलत साबित
कई बार यह गलत भी हो जाती है और इंसान की भावनाएं भी इस मशीन के नतीजों को बदल सकती हैं.
Credit: googleशातिर अपराधी बोलते हैं झूठ
इसके अलावा कई शातिर अपराधी शरीर की गतिविधियों को कंट्रोल कर झूठ बोल सकते हैं, जिसे आसानी से पकड़ा नहीं जा सकता है.
Credit: googleअदालतों में नहीं होता स्वीकार
इसलिए, अदालतों में सबूत के रूप में इसे स्वीकार नहीं किया जाता है.
Credit: googleसंजय रॉय का पॉलीग्राफी टेस्ट
कोलकाता रेप और मर्डर केस में संजय रॉय का पॉलीग्राफी टेस्ट किया जाएगा.
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