2024 में क्यों याद आ रहा है 1991 का बजट


2024/07/24 11:22:04 IST

वित्त मंत्री

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद बीजेपी हर तरफ अपनी बढ़ाई कर रही है.

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23 जुलाई 1991 बजट

    23 जुलाई 1991 में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में मनमोहन सिंह ने बजट पेश किया था, जिसको आज याद किया जा रहा है.

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गेम चेंजर बजट

    भारत के इतिहास में इस बजट को गेम चेंजर बजट कहा जाता है

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    मनमोहन सिंह ने तीन कैटेगरी में बड़े बदलाव किए. ये थे - उदारीकरण, वैश्वीकरण और निजीकरण

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लाइसेंसी राज

    मनमोहन सिंह ने इस बजट में लाइसेंसी राज को खत्म किया था और आर्थिक उदारीकरण के युद की शुरुआत की थी.

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इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट पॉलिसी

    मनमोहन सिंह ने इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट पॉलिसी में बदलाव कर भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया के लिए खोल दिया

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अर्थव्यवस्था

    इसी बजट की बदौलत भारत की अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ी और देश में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने का खाका तैयार हुआ

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विदेशी मुद्रा

    1991 में जब मनमोहन सिंह वित्त मंत्री बने, तब भारत में विदेशी मुद्रा का भंडार केवल कुछ हफ्तों तक ही आयात करवा सकता था. ये एक गंभीर समस्या थी।

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इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट पॉलिसी

    मनमोहन सिंह ने इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट पॉलिसी में भी बड़े बदलाव किए. इम्पोर्ट लाइसेंस फीस को घटाया गया और एक्सपोर्ट को प्रमोट किया गया.

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कस्टम ड्यूटी

    कस्टम ड्यूटी को 220 फीसदी से घटाकर 150 फीसदी किया गया। बजट में बैंकों पर आरबीआई के नियंत्रण को भी कम किया गया

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